सपा के दरवाजे पर फिर जाएंगे चाचा शिवपाल, भतीजे अखिलेश यादव से की गुहार
समाजवादी पार्टी का परिवारिक ड्रामा हमेशा चलता रहता है. अखिलेश यादव ने अपने अभिमान में सभी बड़े और वरिष्ठ नेताओं को किनारे कर दिया था लेकिन इसके बाद उन्हें लगातार शिकस्त मिल रही है.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी की स्थापना का श्रेय अक्सर मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव को दिया जाता है. मुलायम के बेटे अखिलेश यादव ने बेआबरू करके शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया था और पिता मुलायम सिंह यादव से अध्यक्ष पद की कुर्सी छीन ली थी. नाराज शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी. अब फिर से शिवपाल यादव अपना अपमान भूलकर दोबारा अखिलेश यादव की शरण में जाना चाहते हैं.
सुलह करने पर विवश हुए चाचा शिवपाल
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं. कोरोना काल के बीच मिशन 2022 की तैयारियों में जुट चुके समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए उनका यह बयान काफी मायने रखता है. अगर शिवपाल यादव ने दोबारा सपा में वापसी की तो लोग यही कहेंगे कि वे अखिलेश यादव के आगे नतमस्तक हो गए.
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कोई त्याग करने को तैयार- शिवपाल यादव
समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव ने कहा कि वे समाजवादी पार्टी को एकजुट करने के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं. इसके लिए हमने तो पूरा त्याग करने के लिए मैंने कह ही दिया है और इसके बाद उन्होंने ट्वीटर पर अपना यह संदेश ट्वीट भी किया.
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गौरतलब है कि शिवपाल ने अक्टूबर 2018 में सपा से अलग होकर नई पार्टी बनाई थी. अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद जनवरी 2017 में यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई थी.