लखनऊ: भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या को स्वर्ग के समान वैभवशाली और पवित्र माना जाता है. कहा जाता है कि अयोध्या के नाम का स्मरण करने मात्र से सभी विकारों और दोषों का नाश हो जाता है. दशकों तक उत्तरप्रदेश में गुलामी की मानसिकता और वोट बैंक की राजनीति करने वाली सरकारों ने अयोध्या की उपेक्षा की और अयोध्या मात्र सामान्य शहर तक सीमित रह गयी.
विश्व पटल पर अयोध्या को स्थापित करने की योजना
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या को विश्व पटल पर स्थापित करने की तैयारी कर रही है. इसके लिये सबसे पहले अयोध्या के उन मन्दिरों का कायाकल्प किया जाएगा जो सदियों पुराने हैं और जीर्ण शीर्ण हो गए हैं. सीएम योगी ने इन मन्दिरों का जीर्णोद्धार कराने का निर्णय लिया है ताकि अयोध्या में रामभक्तों को त्रेतायुग की अनुभूति हो और रामनगरी का छटा बिल्कुल त्रेतायुग की तरह हो.
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पुराने मंदिरों की बदहाल स्थिति
अयोध्या को हमेशा मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाले नेताओं ने उपेक्षित किया. उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद अयोध्या को नगर निगम और जिले का दर्जा दिया गया. अब योगी सरकार अयोध्या का चतुर्दिक विकास कर रही है.
पूरी अयोध्या का होगा चतुर्दिक विकास
अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम जन्मभूमि परिषद के आसपास के जीर्ण शीर्ण मंदिरों को मंदिर प्रशासन से वार्ता करके उनकी सहमति से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाएगा. राम जन्मभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या के मंदिरों की प्राचीनता और पौराणिकता के बारे में ज्ञान हो इससे रामलला दर्शन करने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.
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उत्तरप्रदेश की सीएम योगी की सरकार की योजना है कि मंदिरों में पर्यटकों के आने की व्यवस्थाओं को भी सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा, जिससे कि राम जन्मभूमि क्षेत्र में मंदिरों का पुराना स्वरूप दिखे और त्रेता युग की अयोध्या निखर के सामने आए.