जानिये कौन हैं मध्यप्रदेश विधानसभा के नये स्पीकर गिरीश गौतम
भाजपा विधायक गिरीश गौतम (Girish Gautam) मध्यप्रदेश के नये स्पीकर (MP new Speaker) होंगे.
भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार को उखाड़ने के बाद भाजपा को फिर से सत्ता मिली थी. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में भाजपा (BJP) की दोबारा सरकार बने हुए करीब एक साल होने वाला है लेकिन मध्यप्रदेश के विधायकों को अपने नये स्पीकर का इंतजार था जो अब खत्म हुआ है. भाजपा विधायक गिरीश गौतम (Girish Gautam) मध्यप्रदेश के नये स्पीकर (MP new Speaker) होंगे. हम आपको उनका पूरा राजनीतिक इतिहास बताते हैं.
निर्विरोध विधानसभा स्पीकर बने गिरीश गौतम
गिरीश गौतम ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज सुबह अपना नामांकन दाखिल किया है. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिये उनका नाम पहले ही तय हो गया था. गिरीश गौतम के अलावा किसी ने भी इस पद के लिए नामांकन नहीं भरा है और नामांकन भरने का समय अब समाप्त हो चुका है. इससे उनका निर्विरोध चुना जाना तय है. लेकिन इसकी पूरी प्रक्रिया सोमवार को सदन में होगी.
कम्यनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं गौतम
गौरतलब है कि अपने जीवन के पहले दो चुनाव सीपीआई से लड़ने वाले गिरीश गौतम विंध्य क्षेत्र में कम्युनिस्ट विचारधारा के आखिरी नेता माने जाते हैं लेकिन बीते 18 वर्षों से वह भाजपाई हैं. गिरीश गौतम ने अपनी सियासी पारी 1977 में छात्र राजनीति शुरू की. वह 2003 से 2018 तक लगातार चौथी बार दो अलग-अलग सीटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.
उन्होंने 1993 व 98 सीपीआई (Communist Party of India) से विधानसभा का चुनाव लड़ा. तब गिरीश गौतम को कांग्रेस पार्टी के दिग्गज व विंध्य के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी से शिकस्त का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2003 में भाजपा के टिकट पर मनगवां विधानसभा से गिरीश गौतम चुनाव लड़े और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को शिकस्त दी.
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साल 2008 में मनगवां विधानसभा सीट आरक्षित होने पर भाजपा ने गौतम को पड़ोसी सीट देवतलाब भेजा, जहां से वह 2008, 2013 व 2018 में लगातार जीत दर्ज विधानसभा पहुंचते रहे. अपने जीवन के पहले दो चुनाव सीपीआई से लड़ने वाले गिरीश गौतम विंध्य क्षेत्र में कम्युनिस्ट विचारधारा के आखिरी नेता माने जाते हैं. लेकिन बीते 18 वर्षों से वह भाजपाई हैं.
लंबी जद्दोजहद के बाद तय हुआ नाम
कमलनाथ को सत्ता से हटाकर अगर भाजपा की सत्ता में वापसी हुई है तो वो ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से हुई है. सिंधिया समर्थक विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था. सिंधिया और भाजपा में नये स्पीकर को लेकर समन्वय नहीं बन पा रहा था. आखिरकार भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए विधायक गिरीश गौतम का नाम तय कर दिया. आज सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
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