जयपुर:  राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार पर सचिन पायलट ने ग्रहण लगा दिया है. अशोक गहलोत ने भले ही सचिन पायलट का पत्ता कांग्रेस से पूरी तरह काट दिया हो लेकिन सचिन पायलट अशोक गहलोत को अभी चैन नहीं लेने देंगे. राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस के दो कद्दावर नेता अब अपनी पार्टी कांग्रेस में घमासान का कारण बने हुए हैं.


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कांग्रेस भाजपा के कंधे पर बंदूक रखकर सचिन पायलट के गुट को ठिकाने लगाने की साजिश कर रही है. कल भाजपा ने फ़ोन टैपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और आज कांग्रेस इस मांग को खारिज कर दिया है.


सच को दबाने के लिए सीबीआई जांच की मांग- अभिषेक मनु सिंघवी



कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआइ जांच की मांग क्लीन चिट देने और सच को दबाने के लिए की है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री समेत राजस्थान के विधायकों और हॉर्स ट्रेडिंग और सरकार गिराने के गंभीर आरोप लगे हैं. मामले मे एफआइआर दर्ज हो गई है और पुलिस जांच जारी है. इसमें बाधा डालने के लिए भाजपा ने सुविधा अनुसार सीबीआइ जांच की मांग की है.


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भाजपा ने की है सीबीआई जांच की मांग


भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि हम इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग करते हैं, चाहे फोन टैपिंग हुई हो या एसओपी का पालन किया गया हो.  क्या राजस्थान में आपातकालीन स्थिति है. राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि सरकार के पास फोन टैप करने का अधिकार है, लेकिन  गृह विभाग के संज्ञान में लाने और अनुमति मिलने के बाद ही ऐसा किया जा सकता है. किसी निजी व्यक्ति के पास ऐसा करने के लिए अधिकार नहीं है.