कोरोना के खिलाफ सेना की `स्ट्राइक`! शूरवीर जवानों की देशभक्ति को सलाम
जहां पूरा देश एकजुट होकर कोरोना नाम के दुश्मन को हराने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है. ऐसे में इस संकट की घड़ी में बॉर्डर पर तैनात देश की सेना के जवानों ने एक बार फिर अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना के खिलाफ जंग छेड़ दी है. निश्चित तौर पर सेना की इस साहस को हर कोई सलाम करता है.
नई दिल्ली: भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में सेना ने जम्मू-कश्मीर में खासकर घाटी के इलाको में कोविड 19 से जंग लड़ने की शानदार तैयारियों का जिक्र किया है.
वायरस के खिलाफ सेना ने छेड़ी जंग
सेना ने बताया है कि कैसे पूरी टीम मिलकर इन दिनों घाटी के लोगों को वायरस से बचाने के लिए वायरस के खिलाफ सबसे बड़ी जंग छेड़ दी है. हम चाहेंगे कि ये वीडियो वो लोग भी आज ध्यान से देखें जो बात-बात पर सेना पर सवाल उठाते हैं, सेना के पराक्रम पर सबूत मांगते हैं. अपने राजनीतिक फायदे के लिए सेना पर उंगलियां उठाते हैं.
नीचे देखिए वीडियो
सेना का यही है वो अद्भुत प्रयास जिसकी तारीफ़ में कसीदे आज हर एक कश्मीरी पढ़ रहा है. जिसकी चर्चा आज पूरे हिंदुस्तान में हो रही है. ये वीडियो सेना की चिनार कॉर्प्स ने जारी किया है. चिनार कॉर्प्स ने ट्वीट करके वीडियो के जरिये घाटी में COVID-19 से सेना के जंग की तैयारी दिखाई है.
कश्मीरियों के लिए देवदूत बन गई है सेना
आप इस वीडियो में साफ देख सकते हैं कि सेना कोरोना संकट के बीच कैसे कश्मीरियों के लिए देवदूत बन गई है, कैसे हर कश्मीरी की मदद जी-जान से कर रही है.
सेना कश्मीर में घर-घर जागरूकता अभियान चला रही है, कोरोना वायरस के खतरे के बारे में लोगों को बता रही है, लॉकडाउन के बीच हर ज़़रूरतमंद को भोजन पहुंचा रही है. घाटी में जगह-जगह सैनेटाइज़ेशन का जिम्मा संभाला हुआ है, मास्क और सैनेटाइज़र का डिस्ट्रीब्यूशन कर रही है.
मेडिकल चेकअप, दवाइयों के वितरण के अलावा सामाजिक दूरी के नियम के बारे में भी लोगों को समझा रही है. घाटी में लोगों की ज़िंदगियां बचा रही है.
सेना के शौर्य पर सवाल क्यों?
- ये वही भारतीय सेना है, जिसपर इसी कश्मीर में लोग आतंकियों को बचाने के लिए पत्थर बरसाते हैं.
- ये वही भारतीय सेना है, जिसपर मानवाधिकार उल्लंघन के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाये जाते हैं.
- ये वही भारतीय सेना है, जिसके खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर यहां के अलगावावादी साज़िशें रचते हैं.
- ये वही भारतीय सेना है, जिसपर हमारे देश की कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक के लिए सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर सियासत की दुकान चमकाती हैं.
- ये वही भारतीय सेना है, जिसपर खुद वायरस की चपेट में आने का डर है.
लेकिन, इस बात की फिक्र किये बगैर हमारे जवान हर कश्मीरी के लिए कोरोना काल में देवदूत बन गए हैं. अब आप खुद सोचिए, कि क्या हमें अपनी शूरवीर सेना पर गर्व नहीं करना चाहिए? क्या हमें मां भारती के इन सपूतों को अपने निजी हित के लिए कटघरे में खड़ा करना चाहिए?
हमने आपको जम्मू-कश्मीर में सेना की कोविड 19 से जंग की तैयारी दिखाई, अब पूरे देश के लिए सेना का कोरोना से लड़ाई का क्या प्लान है, इससे जुड़ी बड़ी जानकारी देते हैं
कोरोना के ख़िलाफ़ सेना का मेगा प्लान
1. सिविल COVID कैंप बनाया
- दिल्ली में आइसोलेशन कैंप का जिम्मा
- नरेला आइसोलेशन कैंप सेना के हवाले
- सेना को मेडिकल स्क्रीनिंग का जिम्मा
- नरेला कैंप में तबलीगी जमात के 1200 मरीज़
2. सेना के अस्पताल रेडी
- सेना के अस्पतालों में संक्रमितों की जांच
- J&K में 68 लोगों के सैंपल लिए
- आइसोलेशन और ICU वॉर्ड तैयार
- 9,000 बेड इमरजेंसी के लिए रिजर्व
3. सेना के डॉक्टर तैनात
- 8,500 डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ अलर्ट पर
- आपात स्थिति के लिए डॉक्टर्स पूरी तरह तैयार
- रिटायर्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स भी मदद को तैयार
4. 'ऑपरेशन नमस्ते' यानी बड़ा ऑपरेशन
- संक्रमित मरीज़ों की मदद के लिए ऑपरेशन
- हर कमांड में हेल्पलाइन नंबर जारी किया
- क्विक रिएक्शन मेडिकल टीम बनाई
5. क्वारंटाइन सेंटर बनाया
- देशभर में सेना के 6 क्वारंटाइन सेंटर
- सेना के कैंप में 1,737 लोग क्वरंटाइन किए
- 403 लोग फिट होने के बाद डिस्चार्ज किए
...फिर भी हमारी सेना पर सवाल क्यों?
जब कश्मीर में सेना आम लोगों के लिए भगवान बन गई है, वो तब भी मददगार बनकर सामने आई थी. जब जम्मू-कश्मीर में भीषण बाढ़ से त्राहिमाम मचा था, वो तब भी मददगार बनी थी, जब 370 हटाये जाने के वक्त लोगों के घरों तक राशन-पानी पहुंचाना था.
वो तब भी देवदूत थी, और आज भी कोरोना संकट के बीच कश्मीरियों की हर संभव मदद कर रही है और इसीलिए आज 130 करोड़ हिंदुस्तानियों को सेना पर और भी गर्व हो रहा है. सेना के लिए सीना गर्व से आज फिर चौड़ा हो गया है.
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आज हमें ख़ुद से वचन लेना चाहिए कि हम सेना पर कभी सवाल नहीं उठाएंगे. सेना से कभी सबूत नहीं मांगेंगे, सेना के हर पराक्रम पर गर्व करेंगे. सेना के जवान जहां भी दिखेंगे, उनका हौसला बढ़ाएंगे. अपने बच्चों को सेना की वीरता की कहानियां सुनाएंगे. अपने अंदर सैनिकों जैसी देशभक्ति की भावना को जगाएंगे.
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