Sunil Gavaskar on ICC verdict: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच इंदौर के मैदान पर खेला गया जो कि 3 दिन में खत्म हो गया. इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 9 विकेट से जीत हासिल की लेकिन पहले दिन से ही इंदौर की पिच पर स्पिनर्स को फायदा मिलने की वजह से आईसीसी ने इसे खराब रेटिंग करार देते हुए 3 डिमेरिट अंक लगाये हैं. आईसीसी की पिच समिति ने आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया है.


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डिमेरिट अंक लगाने पर भड़के गावस्कर


हालांकि आईसीसी का यह कदम भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को बिल्कुल पसंद नहीं आया है. भारतीय टीम के इस पूर्व दिग्गज ने आईसीसी के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे सख्त करार दिया है और इसके साथ ही उन्होंने पिछले साल नवंबर के महीने में खेले गये गाबा टेस्ट को लेकर भी सवाल खड़े किये जो कि महज 2 दिन में ही खत्म हो गया था.


पिच के फैसले पर क्या बोले थे क्रिस ब्रॉड


ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीम के बीच खेले गये इस टेस्ट मैच को आईसीसी की पिच समिति ने औसत से नीचे करार दिया था और मैदान पर कोई डिमेरिट प्वाइंट भी नहीं लगाये थे. उल्लेखनीय है कि इंदौर में खेले गये तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन ही स्पिनर्स को 4.8 डिग्री तक का घुमाव देखने को मिला था तो वहीं पर मैच के दौरान गिरे 31 विकेट्स में से 26 विकेट स्पिनर्स के खाते में गये थे.


डिमेरिट अंक मिली पिच पर बात करते हुए आईसीसी मैच रेफरी क्रिस बॉड ने कहा,’ पिच काफी सूखा था और इसकी वजह से बैट एंड बॉल में कोई संतुलन नहीं था. पिच पहले ही ओवर से स्पिनर्स को मदद कर रही था जबकि मैच में फेंकी गई पांचवी गेंद से पिच टूट पड़ी और बीच-बीच में लगातार दरार नजर आ रही थी. पिच पर अतिरिक्त और असमान उछाल था तो वहीं पर कोई सीम मूवमेंट नहीं थी.’


गावस्कर ने आईसीसी के फैसले पर उठाये सवाल


इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए गावस्कर ने आईसीसी के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए गाबा के उस टेस्ट मैच को याद किया जो कि सिर्फ 2 दिन में ही खत्म हो गया था और पिच पूरी तरह से तेज गेंदबाजों के फेवर में काम कर रही थी.


उन्होंने कहा,’एक चीज जो मैं जानना चाहूंगा कि नवंबर में ब्रिस्बेन के गाबा में एक टेस्ट मैच खेला गया था जो कि 2 दिन के अंदर खत्म हो गया था. उस पिच को कितने डिमेरिट अंक मिले थे और वहां पर कौन मैच रैफरी था. मुझे लगता है कि इंदौर की पिच को 3 डिमेरिट अंक देना ज्यादती है. हां सच है कि पिच में स्पिन को मदद मिली थी लेकिन वो खतरनाक नहीं थी. जब ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जीत के लिये सिर्फ एक विकेट पर 77 रन बना लिये थे तो यह बताता है कि पिच बेहतर हो गई थी.’


2 दिन में खत्म हुआ था मैच फिर भी नहीं लगे थे डिमेरिट अंक


गौरतलब है कि गाबा की पिच की साउथ अफ्रीका कप्तान डीन एल्गर समेत कई दिग्गजों ने आलोचना की थी लेकिन इसके बावजूद उसे औसत से खराब ही करार दिया गया. इस मैच में आईसीसी एलिट पैनल के मैच रैफरी सदस्य रिची रिचर्डसन ने कहा गाबा की पिच पूरी तरह से गेंदबाजों के पक्ष में थी, पिच पर अतिरिक्त उछाल और जरूरत से ज्यादा सीम मूवमेंट थी. हर दूसरी गेंद अजीब तरीके से मूव कर रही थी. दूसरे दिन गेंद जरूरत से ज्यादा नीचे रह रही थी. मुझे यह पिच आईसीसी के दिशानिर्देशों के हिसाब से औसत से खराब है क्योंकि यहां पर बल्ले और गेंद की प्रतियोगिता ही नहीं नजर आई.’


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