नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और जय शाह को बड़ी राहत मिली है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कूलिंग ऑफ पीरियड के नियम में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है. 



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शीर्ष अदालत के निर्देशन में बनाए गए बीसीसीआई के संविधान के मुताबिक बोर्ड के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल नहीं मिल सकते. दो कार्यकाल तक पद पर रहने से पहले, बीच में पदाधिकारी को 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड सर्व करना होगा. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने नियमों में संशोधन करने की मंजूरी दी है. इसके मुताबिक सौरव गांगुली और बीसीसीआई सचिन जय शाह आगे भी अपने पद पर बने रहेंगे.  


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- ''बीसीसीआई द्वारा जिस संशोधन की मांग की गई है, उससे बोर्ड के मूल संविधान और सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का उल्लंघन नहीं होगा, बीसीसीआई को सुनिश्चित करना होगा कि शीर्ष अदालत के मूल आदेश का उल्लंघन नहीं होगा और उसकी मांग को स्वीकार किया जाता है.''


जानिए क्या होता है कूलिंग पीरियड


सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए नए कानून के मुताबिक बीसीसीबाई या राज्य संघों में तीन साल के कार्यकाल को दो बार पूरा करने वाले पदाधिकारी को तीन साल तक ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ में रहना होगा.


बीसीसीआई चाहती है कि ‘कूलिंग ऑफ’ का नियम उन पर लागू हो जिन्होंने बोर्ड या राज्य संघ में तीन-तीन साल का दो कार्यकाल पूरा किया है यानी बोर्ड और राज्य संघ के कार्यकाल को एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. अब इसी नियम को बदलने की मंजूरी बीसीसीआई ने दे दी है. 


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