मुंबईः टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने जिस वानखेड़े स्टेडियम में अपने क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की उसी में अब उनकी आदमकद प्रतिमा लगेगी. तेंदुलकर का क्रिकेट करियर दिग्गज कोच रमाकांत आचरेकर की देखरेख में यहीं से परवान चढ़ा और इसी मैदान पर उन्होंने 2011 में एकदिवसीय विश्व कप खिताब जीतने का सपना पूरा किया. 


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इसी मैदान पर खेला आखिरी मैच
उन्होंने इसी मैदान पर 2013 में अपना 200 और आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. उनकी प्रतिमा का अनावरण 24 अप्रैल को उनके 50वें जन्मदिन के मौके पर होने की उम्मीद है. तेंदुलकर ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा, ‘‘मैंने अपनी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत मुंबई का प्रतिनिधित्व करते की थी. भारत का 2011 में विश्व कप जीतना मेरे जीवन का सबसे बड़ा क्षण है. 


सचिन तेंदुलकर ने जानिए क्या बोला
भारत के लिए मेरा आखिरी मैच भी बहुत यादगार था और यह मुंबई में भी हुआ था. उन्होंने कहा, वानखेड़े में मेरे लिए जीवन एक चक्र पूरा हुआ. यह मैदान मेरे कुछ बेहद खास पलों का गवाह रहा है. जब मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने वानखेड़े में मेरी प्रतिमा के बारे में सुझाव दिया तो मुझे सुखद आश्चर्य हुआ. उन्होंने कहा,मुंबई क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने में मुझे हमेशा बहुत गर्व हुआ है और एमसीए के साथ मेरा अद्भुत जुड़ाव आज भी जारी है. मैं उनकी इस पहल के लिए बहुत आभारी हूं. 


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एमसीए अध्यक्ष अमोल काले ने मंगलवार को तेंदुलकर के वानखेड़े दौरे से इतर यह घोषणा की. तेंदुलकर को उनके अविश्वसनीय करियर के लिए खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. उन्होंने 24 साल के अपने करियर के दौरान टेस्ट और एकदिवसीय में बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड अपने नाम किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले इस खिलाड़ी के नाम वानखेड़े में पहले से ही एक स्टैंड है. लंदन स्थित मैडम तुषाद संग्रहालय में 2009 से उनकी मोम की प्रतिमा है. 


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