CWG 2022: 'मैं मीराबाई चानू की परछाई नहीं हूं', पदक जीतने के बाद जानें क्यों ऐसा बोली बिंदिया रानी

Commonwealth Games 2022: भले ही देश के ज्यादातर हिस्से में लोगों को यह नाम पहली बार सुनाई दिया हो लेकिन मणिपुर के लोग उन्हें मीराबाई चानू 2.0 के नाम से पुकारते हैं. हालांकि जब पदक जीतने के बाद बिंदिया रानी देवी सोरोखैबम से यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो खुद को मीराबाई चानू की परछाई नहीं मानती हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 31, 2022, 05:40 PM IST
  • मीराबाई चानू को आदर्श नहीं मानती बिंदिया रानी
  • 55 किग्रा भारवर्ग में जीता CWG का सिल्वर
CWG 2022: 'मैं मीराबाई चानू की परछाई नहीं हूं', पदक जीतने के बाद जानें क्यों ऐसा बोली बिंदिया रानी

Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स का दूसरा दिन भारतीय वेटलिफ्टर्स के नाम रहा जिनकी बदौलत भारत ने एक गोल्ड, 2 सिल्वर और एक ब्रॉन्ज पदक हासिल किया. भारत ने यह सभी पदक वेटलिफ्टिंग में ही हासिल किये, जिसमें ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाली मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया तो वहीं पर मणिपुर से ही आने वाली बिंदिया रानी देवी सोरोखैबम ने देश के लिये सिल्वर मेडल अपने नाम किया.

मीराबाई चानू को आदर्श नहीं मानती बिंदिया रानी

भले ही देश के ज्यादातर हिस्से में लोगों को यह नाम पहली बार सुनाई दिया हो लेकिन मणिपुर के लोग उन्हें मीराबाई चानू 2.0 के नाम से पुकारते हैं. हालांकि जब पदक जीतने के बाद बिंदिया रानीदेवी सोरोखैबम से यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो खुद को मीराबाई चानू की परछाई नहीं मानती हैं.

बिंदिया रानी से जब उनके आदर्श के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद देश की दिग्गज वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी की प्रतिमूर्ति बताया, जिन्हें वेटलिफ्टिंग के खेल में भारतीय महिलाओं को आगे लाने का श्रेय दिया जाता है. कुंजारानी देवी वो पहली भारतीय वेटलिफ्टर थी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता था.

शनिवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग में भारत का चौथा पदक जीतने के बाद बिंदिया रानीदेवी ने कहा, "हालांकि हम एक ही राज्य और इंफाल के आसपास के शहरों से आते हैं, लेकिन मीराबाई चानू के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है. मैंने भारोत्तोलन में उनका अनुसरण नहीं किया. मैं कुंजारानी देवी से प्रेरित थी."

55 किग्रा भारवर्ग में जीता CWG का सिल्वर

गौरतलब है कि बिंदिया रानी ने महिलाओं के 55 किग्रा में भारत के लिये सिल्वर मेडल जीता. मणिपुर की 23 वर्षीय खिलाड़ी ने क्लीन एंड जर्क में अपने अंतिम मोड़ में शानदार 116 किग्रा प्रयास के साथ कुल 202 किग्रा वजन उठाया और खेलों का रिकॉर्ड बनाया और उसे कुल 202 किग्रा तक पहुंचाया, जो नाइजीरिया की आदिजात ओलारिनोय से सिर्फ एक किलोग्राम कम है.

ताशकंद, उज्बेकिस्तान में विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में भारत का पहला पदक जीतने के बाद बिंदिया रानीप्रमुखता से उभरीं. उन्होंने 55 किग्रा क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. बड़े पैमाने पर उपलब्धि हासिल करने के लिए तत्कालीन 22 वर्षीय ने कुल 198 किग्रा (क्लीन एंड जर्क में 114) भार उठाया.

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