IPL में मैच फिक्सिंग के लिए मोहम्मद सिराज से मिला सट्टेबाज, पुलिस ने धर दबोचा सटोरी
Mohammed Siraj: भारत में जैसे-जैसे टी20 क्रिकेट का खुमार आईपीएल के जरिये पूरे देश पर छा रहा है ठीक वैसे-वैसे देश में सट्टेबाजी और बेटिंग के कई मामले भी सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक सटोरी ने भारतीय टीम के तेज गेंदबाज और आईपीएल में आरसीबी के लिये खेलने वाले पेसर मोहम्मद सिराज से कुछ अंदरुनी जानकारी जुटाने के लिये संपर्क किया.
Mohammed Siraj: भारत में जैसे-जैसे टी20 क्रिकेट का खुमार आईपीएल के जरिये पूरे देश पर छा रहा है ठीक वैसे-वैसे देश में सट्टेबाजी और बेटिंग के कई मामले भी सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक सटोरी ने भारतीय टीम के तेज गेंदबाज और आईपीएल में आरसीबी के लिये खेलने वाले पेसर मोहम्मद सिराज से कुछ अंदरुनी जानकारी जुटाने के लिये संपर्क किया.
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के लिये भी किया था संपर्क
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ड्राइवर के रूप में काम करने वाला यह आदमी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने आ रही ऑस्ट्रेलिया टीम के भारत पहुंचने से पहले सिराज से कुछ अंदरूनी जानकारी चाहता था ताकि वो अपने डूबे हुए पैसों को वापस हासिल कर सके. इसको लेकर सिराज ने दौरे से पहले ही बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट को सूचित किया.
सटोरिये के ड्राइवर ने किया था सिराज से संपर्क
हालांकि न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाइ (एसीयू) को जानकारी दी है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने आईपीएल के पिछले मैच में भारी पैसा हारने के बाद उनकी टीम की अंदरूनी जानकारी के लिये उनसे संपर्क किया था . सिराज ने फोन आने के बाद तुरंत एसीयू अधिकारियों को इसकी सूचना दी .
बोर्ड के एक सूत्र ने बताया ,‘जिसने सिराज से संपर्क किया वह सटोरिया नहीं था. वह मैचों पर सट्टा लगाने का आदी हैदराबाद का एक ड्राइवर था. उसने काफी पैसा गंवा दिया था इसलिये उसने अंदरूनी जानकारी के लिये सिराज से संपर्क किया. सिराज ने तुरंत इसकी सूचना दी. उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया है और विस्तार से जानकारी का इंतजार है.’
2013 स्पॉट फिक्सिंग बाद सख्त हो गई है बीसीसीआई
गौरतलब है कि साल 2013 में हुए आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल के बाद बीसीसीआई ने एसीयू यूनिट बनाई थी. इस स्कैंडल में एस श्रीसंथ, अंकित चाह्वाण और अजीत चंदीला को सीएसके के पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही हर टीम ने एक एसीयू अधिकारी नियुक्त किया है जो कि टीम के साथ एक ही होटल में ठहरता है और मैदान पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रखता है.
शाकिब पर लगा था एक साल का बैन
इसके साथ ही हर खिलाड़ी को एसीयू के तहत कुछ वर्कशॉप भी कराई जाती है जिसके तहत खिलाड़ी को क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए और अगर कोई उनसे संपर्क करता है और वो उसकी जानकारी नहीं देते हैं तो उस पर बैन लग जाता है. आपको बता दें कि 2019 में शाकिब अल हसन आईपीएल 2018 और जिम्बाब्वे दौरे पर हुई ऐसी ही एक घटना को रिपोर्ट करने में असफल रहे थे जिसके बाद उन्हें लगभग एक साल का बैन झेलना पड़ा था.
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