नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले में भारत ने शानदार जीत दर्ज की. कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में लगातार 13वां मैच टीम इंडिया ने जीता. ऐसा करने वाले रोहित पहले कप्तान बन गए. इस मैच के हीरो रहे हार्दिक पांड्या ने अपनी सफलता पर खुलकर बात की. 


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अब सफलता और विफलता का असर नहीं पड़ता


सफलता और विफलता का अब भारत के स्टार हरफनमौला हार्दिक पांड्या पर असर नहीं पड़ता और उन्होंने स्पष्ट सोच के साथ ‘तटस्थ जीने’ का हुनर सीख लिया है. अपने करियर में चोटों से परेशान रहे पांड्या के लिये वापसी आसान नहीं थी लेकिन उन्होंने शानदार वापसी करते हुए गुजरात टाइटंस को पहले ही सत्र में आईपीएल खिताब दिलाया. इसके अलावा आयरलैंड के खिलाफ श्रृंखला में कप्तानी करते हुए भारत को जीत दिलाई. 


पांड्या ने बल्ले और गेंद से किया कमाल


इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल करके भारत की जीत के सूत्रधार रहे. पांड्या ने 33 गेंद में 51 रन बनाने के बाद 33 रन देकर चार विकेट लिये. उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अच्छे इरादे से की गई मेहनत बेकार नहीं जाती. मैं खुद को हमेशा तैयार रखना चाहता हूं. कई बार नतीजे मेरे पक्ष में होंगे तो कई बार नहीं.


उन्होंने कहा कि मैं कामयाबी और नाकामी को लेकर ज्यादा नहीं सोचता. मैने तटस्थ जीना सीख लिया है. आज अच्छा दिन था तो कल बुरा भी हो सकता है. जिंदगी चलती रहती है लिहाजा हंसते रहो और मेहनत करते रहो. पांड्या ने कहा कि अपने जीवन को लेकर उनकी सोच हमेशा स्पष्ट रही है और ढर्रे से उतरने पर भी उनके आसपास ऐसे लोग हैं जो उन्हें फिर पटरी पर ले आते हैं. 


मैं हड़बड़ी में नहीं करता कोई काम- हार्दिक पांड्या


उन्होंने कहा कि मेरी सोच हमेशा स्पष्ट रही है. जब भी मुझे लगता है कि साफ सोच नहीं पा रहा हूं तो समय लेकर सुधार करता हूं. मैं हड़बड़ी में कुछ नहीं करता. गेंदबाजी या बल्लेबाजी को तो छोड़ दो, आम जीवन में भी यह स्पष्टता जरूरी है. 


उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी मदद के लिये काफी लोग है. परिवार मेरे लिये बहुत अहम है जो मेरी सोच में स्पष्टता लाता है. जब भी मैं कन्फ्यूज होता हूं तो कृणाल है , मेरी पत्नी है, मेरी भाभी है. हमारा तालमेल बहुत मजबूत है और पथ से भटकने पर वे मुझे रास्ते पर ले आते हैं.’’ 


टेस्ट क्रिकेट हर क्रिकेटर के लिये सर्वोपरि चुनौती है लेकिन पांड्या ने कहा कि वह अभी इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे. उन्होंने कहा कि फिलहाल सीमित ओवरों का सत्र है और पूरा फोकस सफेद गेंद के क्रिकेट पर है. टेस्ट खेलने का मौका भी मिलेगा. मेरा फलसफा साफ है कि जो भी खेलो, उसमें अपना शत प्रतिशत दो.


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