Hockey World Cup 2023: भारत की मेजबानी में खेले जा रहे हॉकी विश्वकप में रविवार का दिन भारतीय फैन्स के लिये दुखदायी रहा, जहां पर जीत की दहलीज पर खड़ी भारतीय हॉकी टीम को न्यूजीलैंड ने हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया. वेल्स के खिलाफ 8 गोल के अंतर से मैच न जीत पाने के चलते भारतीय हॉकी टीम क्वार्टरफाइनल में सीधे नहीं पहुंच पाई थी और अंतिम 16 में जगह बनाने के लिये उसे क्रॉस ओवर मैच में न्यूजीलैंड का सामना करना पड़ा. 


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पेनल्टी शूटआउट में हारा भारत


पहले हाफ तक भारतीय टीम ने मैच में 3-1 की बढ़त हासिल कर रखी थी लेकिन नियमित समय तक कीवी टीम ने वापसी की और 3-3 से मैच को बराबर कर पेनल्टी शूटआउट में ले गये. जहां पर कीवी टीम ने भारत को 4-5 से हराकर खिताब की रेस से बाहर कर दिया.भारतीय टीम के इस क्रॉस ओवर मैच को देखने के लिए करीब 15 हजार दर्शक पहुंचे थे लेकिन भारतीय टीम उम्मीद के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर सकी और मैच हार गई. इस हार के साथ ही भारत का 48 साल के बाद विश्व कप का खिताब जीतने का सपना भी टूट गया. 


भारत के लिए ललित उपाध्याय (17वें मिनट), सुखजीत सिंह (24वें) और वरुण कुमार (40वें मिनट) ने गोल किये तो वहीं पर न्यूजीलैंड के लिए सैम लेन (28वें) ने मैदानी गोल किया जबकि केन रसेल ने 43वें और सीन फिंडले (49वें) ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला. न्यूजीलैंड की टीम अब क्वार्टरफाइनल में डिफेंडिंग चैम्पियन बेल्जियम से भिड़ेगी, जहां पर वो जीत हासिल कर लेती है तो पहली बार विश्वकप के सेमीफाइनल में जगह बनाएगी. 


इस वजह से भारत के हाथ से निकला मैच


पेनल्टी शूटआउट में, स्ट्राइक के पहले पांच सेट के बाद स्कोर भी बराबरी पर था, और आखिर में ‘सडन डेथ’ में मैच भारत के हाथ से निकल गया.  कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पास ‘सडन डेथ’ में भारत को जीत दिलाने का सुनहरा मौका था लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहे. अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भारत को 2-3 से पिछड़ने के बाद शानदार बचाव किये.  इसके बाद ‘सडेन डेथ’ में एक और बचाव के दौरान वह चोटिल हो गये.  इसके बाद कृष्ण पाठक ने ‘सडेन डेथ’ के अगले तीन दौर में गोलकीपर की भूमिका निभाई.  आखिर में शमशेर सिंह गोल करने से चूक गए और सैम लेन ने गोल कर न्यूजीलैंड को जीत दिला दी.  


निर्धारित समय में, भारत ने 11 पेनल्टी कार्नर अर्जित किए और उनमें से दो को गोल में बदला, जबकि न्यूजीलैंड को सिर्फ दो पेनल्टी कार्नर मिले.  भारत को गोल करने के कई मौके मिले लेकिन अग्रिम पंक्ति की फिनिशिंग कौशल की कमी देखने को मिली. 


शुरू से ही भारत ने बनाई थी बढ़त


भारत ने मैच के शुरू से ही आक्रामक रूख अपनाया और अभ्यास के दौरान चोटिल हुए मनदीप सिंह ने न्यूजीलैंड के सर्कल में शानदार प्रदर्शन किया. भारत ने 24वें मिनट में चौथे पेनल्टी कार्नर पर सुखजीत सिंह के गोल से जल्द ही बढ़त को दोगुना कर दिया. हरमनप्रीत की ड्रैग-फ्लिक को न्यूजीलैंड के गोलकीपर रोक दिया लेकिन रिबाउंड पर सुखजीत ने शानदार मौका बनाकर उसे गोल में बदल दिया.  


न्यूजीलैंड ने हाफ टाइम से एक मिनट पहले सैम लेन की गोल से वापसी की.  उन्होंने टीम के साथ खिलाड़ी के क्रॉस को भारतीय गोल पोस्ट की बायीं ओर मारा. मध्यांतर के समय न्यूजीलैंड की टीम 2-1 से आगे थी. न्यूजीलैंड ने तीसरे क्वार्टर में बराबरी के लिए दबाव बनाया और वे कुछ मौकों पर भारतीय  ‘डी’ में आ गए लेकिन घरेलू टीम ने 41वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को भुना कर दो गोल के अंतर से बढ़त बना ली.  


तीसरे क्वार्टर में भारत पिछड़ा


भारत ने तीसरे क्वार्टर में तीन पेनल्टी कार्नर हासिल किये इसमें तीसरे मौके को वरुण कुमार ने भुना लिया. केन रसेल ने इसके एक मिनट के बाद ही पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला जिससे भारत के पास सिर्फ एक गोल की बढ़त रह गयी. आखिरी क्वार्टर में न्यूजीलैंड ने दमदार जज्बा दिखा और 49वें मिनट के खेल के दौरान पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया.  हेडन फिलिप्स के स्ट्राइक को सीन फिंडले ने गोल में बदल कर स्कोर बराबर कर दिया. गोलकीपर कृष्ण पाठक ने इसके एक मिनट के बाद भारतीय रक्षापंक्ति की गलती पर शानदार बचाव किया और टीम को पिछड़ने से बचा लिया.


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