IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के 3 मैच खत्म हो चुके हैं और सीरीज का आखिरी मैच अहमदाबाद के मैदान पर खेला जाना है. सीरीज के पहले तीनों ही मैच 3 दिन के अंदर खत्म हो जाने की वजह से सीरीज में इस्तेमाल की गई पिचों पर लगातार बवाल मचा हुआ है. इतना ही नहीं पिछले कुछ दौरों से ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज लगातार पिच को भारतीय स्पिनर्स के अनुकूल बनाने का आरोप लगाते रहते हैं.


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इस बीच ऑस्ट्रेलिया को पहली बार भारतीय मैदान पर जीत दिलाने वाले तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच ने भी अपनी राय रखी है और पिचों को लेकर मचे बवाल पर सवाल उठाने वाले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों को लताड़ा है. जब ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 29 साल पहले भारतीय सरजमीं पर पहली बार जीत का स्वाद चखा था तो कास्प्रोविच उस टीम का हिस्सा रहे थे.


समझ से परे है पिच को लेकर मचा बवाल


कास्प्रोविच का मानना है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान भारत में पिचों को लेकर मची ‘हाइप’ समझ से परे है क्योंकि वे विशुद्ध भारतीय विकेट हैं और ऑस्ट्रेलिया को उनके अनुरूप ढलना होगा.


कास्प्रोविच ने ‘द ऐज’ से कहा ,‘ मुझे यह हाइप समझ में नहीं आ रही. ये पारंपरिक भारतीय विकेट हैं और पता नहीं इन्हें लेकर इतना हल्ला क्यो हो रहा है. इंदौर टेस्ट में विकेट ज्यादा टर्न ले रहा था लेकिन मैच सुबह जल्दी शुरू होने से शायद थोड़ी नमी रही हो . दिन में बाकी समय उतना टर्न नहीं मिल रहा था.’


आपको पिच के बजाय हालात से बिठाना होता है तालमेल


भारत ने नागपुर और दिल्ली टेस्ट जीते लेकिन इंदौर में ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की . पहले दो टेस्ट की पिचों को आईसीसी ने ‘औसत ’ करार दिया जबकि इंदौर की पिच को ‘खराब’ कहा. पूर्व कप्तान मार्क टेलर और मार्क वॉ समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने इंदौर की पिच की निंदा की. चौथा टेस्ट नौ मार्च से अहमदाबाद में खेला जायेगा.


कास्प्रोविच ने कहा ,‘मुझे 1998 का बेंगलुरू टेस्ट याद है जहां सूखी पिच दिख रही थी . उस पर कोई घास नहीं थी लेकिन दरारें थी. आपको हालात से सामंजस्य बिठाना होता है. आखिर यह टेस्ट क्रिकेट है.’


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