नई दिल्ली: भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक की बदौलत ओलंपिक इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. भारत ने पहली बार ओलंपिक इतिहास में सात पदक अपने नाम किए हैं जिसमें एक स्वर्ण, दो रजत, और चार कांस्य पदक शामिल हैं. इससे पहले भारत ने लंदन ओलंपिक में 6 पदक जीते थे. नीरज की स्वर्णिम जीत के साथ ही भारत टोक्यो ओलंपिक की पदक तालिका में 47वें स्थान पर पहुंच चुका है. 

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भारत ने टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत पहले दिन वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू के पदक के साथ की थी. इसके बाद पीवी सिंधू ने बैडमिंटन में भारत को दूसरा पदक दिलाया था और ओलंपिक इतिहास में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं. इसके बाद तीसरा पदक असम की युवा बॉक्सर लवलीना बोरगेहन दिलाया. टोक्यो में पुरुषों के पदक का खाता कुश्ती में रवि दहिया ने रजत पदक दिलाकर खोला था. उनकी इस उपलब्धि के बाद पुरुष हॉकी टीम मे 41 साल बाद कांस्य पदक जीतकर पदकों का सूखा खत्म कर दिया. भारत को छठा पदक बजरंग पुनिया ने कांस्य के रूप में दिलाया और इसका रंग कुछ ही देर बाद नीरज चोपड़ा ने स्वर्णिम कर दिया. 

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कई भारतीय एथलीट इस बार पदक के करीब पहुंचकर पोडियम तक पहुंचने से चूक गए. जिसमें मनु भाकर, सौरव चौधरी, ,सीमा बिस्ला, दीपक पुनिया, कमलजीत कौर, अदिति अशोक और भारतीय महिला हॉकी टीम शामिल हैं. अगर भारतीय खिलाड़ियों की किस्मत साथ दे जाती तो भारत के पदकों की संख्या दो अंकों तक पहुंच सकती थी. 

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