नई दिल्लीः Swapnil Kusale: स्वप्निल कुसाले ने भारत को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाया है. उन्होंने गुरुवार को 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता. वह 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन प्रतियोगिता में भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं.


पिता टीचर तो मां हैं सरपंच


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यह स्वप्निल कुसाले का पहला ओलंपिक है. वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले हैं. उनके पिता और भाई टीचर हैं. वहीं उनकी मां कंबलवाडी गांव की सरपंच हैं. स्वप्निल सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर हैं. वह पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएस धोनी से काफी प्रभावित हैं. 


धोनी के प्रशंसक हैं स्वप्निल


स्वप्निल एमएस धोनी की बायोपिक भी कई बार देख चुके हैं और उससे प्रेरणा लेते हैं. स्वप्निल कहते हैं कि वह शूटिंग में किसी खास एथलीट को फॉलो नहीं करते हैं. वह शूटिंग के बाहर से धोनी के फैन हैं. वह धोनी की कहानी से खुद को जोड़ पाते हैं क्योंकि वह भी टिकट कलेक्टर के रूप में काम करते हैं. 


'हमें यकीन था बेटा पदक जीतेगा'


वहीं स्वप्निल कुसाले के माता पिता ने कहा कि उन्हें यकीन था कि उनका बेटा तिरंगे और देश के लिए पदक जीतेगा. स्वप्निल के पिता ने कोल्हापूर में पत्रकारों से कहा, ‘हमने उसे उसके खेल पर फोकस करने दिया और कल फोन भी नहीं किया.’ उन्होंने कहा, ‘पिछले 10-12 साल से वह घर से बाहर ही हैं और अपनी निशानेबाजी पर फोकस कर रहा है. उसके पदक जीतने के बाद से हमें लगातार फोन आ रहे हैं.’


स्वप्निल की मां ने कहा, ‘वह सांगली में पब्लिक स्कूल में था जब निशानेबाजी में उसकी रुचि जगी. बाद में वह ट्रेनिंग के लिए नासिक चला गया.’ स्वप्निल कुसाले ने अपने प्रदर्शन पर कहा, ‘अभी तक अनुभव बहुत अच्छा रहा है. मुझे निशानेबाजी पसंद है और मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय से कर पा रहा हूं. मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया है. वह जीत सकती है तो हम भी जीत सकते हैं.’


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