बिना इंजेक्शन नहीं कर पाता था गेंदबाजी, अब दुनिया के दिग्गजों को कर दिया ढेर
टॉपली एक साल से अधिक समय से इंग्लैंड की व्हाइट-बॉल टीमों में लगातार मौजूद हैं और जोस बटलर और मुख्य कोच मैथ्यू मॉट की कप्तानी में टीम में लगातार उपस्थिति बनाए रखने का लक्ष्य बना रहे हैं.
नई दिल्ली: कहा जाता है कि जिंदगी में हर दिन एक जैसा नहीं होता. कभी सफलता तो कभी विफलता का दौर चलता रहा है लेकिन जो संकट के समय भी आस नहीं छोड़ता वही एक दिन सफल होता है. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज रीस टॉपली ने अपने क्रिकेट करियर में यही कर दिखाया.
उन्होंने गुरुवार को लॉर्डस में भारत के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में इंग्लैंड की 100 रन की जीत में अपना योगदान देकर बेहद खुश हैं. लॉर्डस में भारत पर जीत में 9.5 ओवर में 6/24 के अद्भुत स्पेल के लिए टॉपली को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया, जो वनडे मैचों में इंग्लैंड के गेंदबाज द्वारा सर्वश्रेष्ठ आंकड़े हैं.
मैं अपनी भूमिका निभाकर खुश हूं- रीस टॉपली
टॉपली ने कहा, "यह दूसरे मैच में एक शानदार टीम प्रदर्शन था और मैं अपनी भूमिका निभाकर खुश हूं. यह बहुत मायने रखता है, क्योंकि कई सर्जरी के बाद मैं ऐसा प्रदर्शन करने में सक्षम रहा."
टॉपली एक साल से अधिक समय से इंग्लैंड की व्हाइट-बॉल टीमों में लगातार मौजूद हैं और जोस बटलर और मुख्य कोच मैथ्यू मॉट की कप्तानी में टीम में लगातार उपस्थिति बनाए रखने का लक्ष्य बना रहे हैं.
धवन- रोहित और सूर्यकुमार का झटका विकेट
लॉर्डस में, उन्होंने खतरनाक दिखने वाले सूर्यकुमार यादव को आउट करने से पहले सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन को पावर-प्ले में आउट किया और वनडे मैचों में अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल और प्रसिद्ध कृष्णा के साथ 6/24 पर मैच का समापन किया. इंग्लैंड के लिए नए सफेद गेंद के कप्तान बटलर, जिन्होंने पूर्णकालिक कप्तान के रूप में अपनी पहली वनडे जीत हासिल की, टॉपली के लिए लॉर्डस में मेजबान टीम के लिए यादगार एक मैच बनाने के लिए खुश हैं.
25 साल की उम्र में ही लेना पड़ सकता था संन्यास
21 साल की उम्र में रीस टॉपली ने इंग्लैंड के लिए पदार्पण किया था. इसके बाद उनका करियर सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा था, लेकिन अचानक लगातार चोटों के कारण वह महज 25 साल की उम्र में ही संन्यास लेने की कगार पर पहुंच गए थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने खूब कहा था कि मुझे सिर्फ गेंदबाजी करने के लिए हर दिन अपने पेट में एक हार्मोन इंजेक्ट करना पड़ता था और महीने में एक बार मुझे अपनी पीठ में एनेस्थेटिक लगाने के लिए लंदन आना पड़ता था और खुद को गेंदबाजी के लिए तैयार करने से पहले मुझे एक घंटे के लिए जिम जाना पड़ता था क्योंकि मैं पीठ दर्द झेल रहा था.
मानसिक रूप से टूट गए थे टॉपली
तीन साल पहले, एक और ब्रेकडाउन के बाद रीस टॉपली को लगा था कि उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया है. पांच साल में चार स्ट्रेस फ्रैक्चर होने के बाद देश के लिए क्रिकेट खेलने की उनकी खुशी जल्द ही दर्द में बदल गई. वे मानसिक रूप से टूट गए थे लेकिन अब उन्होंने जोरदार वापसी की है. भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ 6 विकेट झटकने का कारनामा करने से उनका उत्साह 7वें आसमान पर है.
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