नई दिल्ली: टेस्ट क्रिकेट में कदम रखते ही भारत की युवा बल्लेबाज शफाली वर्मा ने अपने बल्ले से ऐसी छाप छोड़ी है जिसकी गूंज आने वाले कई सालों तक महिला क्रिकेट के साथ-साथ विश्व क्रिकेट में सुनाई देती रहेगी. अपनी पहली टेस्ट पारी में महज 4 रन के अंतर से शतक जड़ने से चूकने वाली शफाली दूसरी पारी में भी अर्धशतक जड़कर ऐसे मुकाम पर पहुंच गई हैं जहां भारत के कई दिग्गज पुरुष खिलाड़ी भी करियर के पहले मैच में नहीं पहुंच पाए.


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शफाली ने इंग्लैंड की सरजमीं पर अपने डेब्यू टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक (96, 55*) जड़ने का कारनामा कर दिखाया है. वो डेब्यू टेस्ट में 100 रन के आंकड़े को पार करने के साथ-साथ सबसे ज्यादा रन बनाने वाली भारतीय महिला क्रिकेटर बन चुकी हैं. अब उनके निशाने पर डेब्यू मैच टेस्ट में धमाल मचाने वाले टीम इंडिया के गब्बर शिखर धवन, हिटमैन रोहित शर्मा और भारत के पहले कप्तान लाला अमरनाथ के रिकॉर्ड निशाने पर हैं.


गब्बर और हिटमैन के रिकॉर्ड हैं निशाने पर


शिखर धवन ने साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में अपने डेब्यू टेस्ट में कुल 187 रन बनाए थे. वो भारत के लिए टेस्ट डेब्यू में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय हैं. वहीं इसके बाद दूसरे पायदान पर हिटमैन रोहित शर्मा हैं जिन्होंने साल 2013 में ही कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में 177 रन की पारी खेली थी.


वहीं भारत के पहले टेस्ट कप्तान लाला अमरनाथ ने साल 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई में खेले गए टेस्ट की दोनों पारियों में 38 और 118 रन के साथ कुल 156 रन बनाए थे.


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बन सकती हैं टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने वाली पहली भारतीय महिला


ऐसे में अगर पहली पारी में 4 रन के अंतर से शतक से चूकने वाली शफाली अगर शतक जड़ने में कामयाब होती हैं तो वो भारत के लिए डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाली पहली भारतीय महिला बन जाएंगी. अगर वो शतक नहीं भी जड़ पाती हैं तो वो भी विदेशी सरजमीं पर टेस्ट डेब्यू [151* (96+55*)] में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली भारतीय पहले ही बन चुकी हैं. अब ये देखना है कि वो लाला अमरनाथ, रोहित शर्मा और शिखर धवन को मात देने में सफल होती है या नहीं.


लेडी सहवाग के रूप में मिल रही है पहचान


अपनी बल्लेबाजी के बेखौफ अंदाज की वजह से 'लेडी सहवाग' के रूप में शफाली की पहचान बनती जा रही है. जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बैटिंग का तरीका ही बदल दिया था. हवा में शॉट खेलकर डेब्यू पारी में शतक पूरा करने की नाकाम कोशिश ने प्रशंसकों की नजर में सहवाग के समकक्ष ला खड़ा किया है. हर किसी को आशा है कि शफाली जैसी खिलाड़ी की बदौलत लोग महिला क्रिकेट देखना शुरू कर देंगे.



शफाली वर्मा टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बन चुकी हैं. भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम दर्ज है. उन्होंने 17 साल 107 दिन की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था. वहीं पहली पारी में 4 रन के अंतर से शतक से चूकने वाली शफाली 17 साल 141 दिन की उम्र में ये कारनामा कर सकती हैं. संयोग यह होगा कि दोनों के बल्ले से शतक इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ दर्ज होगा.


शफाली वर्मा ने डेब्यू टेस्ट में शानदार पारी तब खेली जबकि उनके नाम करियर में एक भी प्रथम श्रेणी मैच दर्ज नहीं है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मंच पर टेस्ट के साथ ही फर्स्ट क्लास डेब्यू करते हुए शफाली अकेले दम पर दर्शकों को महिला क्रिकेट देखने के लिए आकर्षित करने में सफल हुई हैं जिसकी कोशिश महिला क्रिकेट कई दशकों से कर रहा है.


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