SRH vs RCB: भारतीय क्रिकेट टीम के मॉर्डन डे लेजेंड विराट कोहली ने साल 2019 से शुरू हुए बल्लेबाजी के दौर को आखिरकार खत्म कर लिया है. विराट कोहली ने साल 2019 में अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया था जिसके बाद लगातार 3 सालों तक वो किसी भी प्रारूप में किसी भी स्तर पर कोई शतकीय पारी नहीं लगा सके, हालांकि उनके शतकों के सूखे का खात्मा 2022 में खेले गये एशिया कप से शुरू हुआ.


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एशिया कप में लगाया था पहला टी20 शतक


टी20 प्रारूप में खेले गये एशिया कप 2022 में विराट कोहली ने अफगानिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया, इससे पहले उनका इस प्रारूप में कोई शतक नहीं था. इसके बाद कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे प्रारूप में शतक लगाकर एकदिवसीय प्रारूप के शतकों का सूखा खत्म किया तो वहीं पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट का सूखा खत्म किया. हालांकि क्रिकेट के हर प्रारूप में शतकों का सूखा खत्म करने वाले इस खिलाड़ी के लिए अभी एक चुनौती बाकी थी.


हैदराबाद में खत्म हुआ कोहली के शतकों का सूखा


विराट कोहली ने आईपीएल में भी अपना आखिरी शतक 2019 में लगाया था जिसके बाद वो दुनिया की सबसे मशहूर लीग में बड़ी पारी नहीं खेल पाये थे लेकिन गुरुवार को जब उनकी टीम को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत की सख्त दरकार थी तो इस खिलाड़ी ने अपने शतकों का सूखा खत्म कर अपने आईपीएल करियर का छठा शतक लगाया और सबसे ज्यादा शतक जड़ने के मामले में क्रिस गेल की बराबरी कर ली.


विराट कोहली ने इस मैचों में 63 गेंदों पर 100 रन की पारी खेली जिससे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) ने सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से हराकर प्लेऑफ में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बरकरार रखा. कोहली ने कप्तान फाफ डुप्लेसी (71) के साथ पहले विकेट के लिए 172 रन की साझेदारी की.


बड़ी पारी खेलने के बाद खुद को नहीं देता पर्याप्त श्रेय


अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद विराट कोहली ने पिछले कुछ सालों में बल्लेबाजी के खराब दौर पर बात की और बताया कि उन्होंने स्वयं को इतने दबाव में ला दिया था कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में छह शतक लगाने के बावजूद उन्होंने कभी खुद को पर्याप्त श्रेय नहीं दिया लेकिन इसके साथ ही कहा कि उनके स्ट्राइक रेट को लेकर लोग क्या कहते हैं वह इसकी परवाह नहीं करते.


मैच के बाद कोहली ने कहा,‘ मैं पिछले आंकड़ों पर ध्यान नहीं देता हूं. मैंने पहले ही खुद को बहुत अधिक दबाव में रखा है. यह आईपीएल में मेरा छठा शतक है. मैं अच्छी पारी खेलने के बावजूद कभी-कभी खुद को पर्याप्त श्रेय नहीं देता. इसलिए बाहर बैठकर कोई क्या कहता है मैं इसकी परवाह नहीं करता क्योंकि वह उनकी राय है.’


धीमा खेलने का नहीं है कोहली को कोई अफसोस


कोहली की 130 के आसपास के स्ट्राइक रेट के कारण आलोचना होती रही है लेकिन वह लोगों को यह याद दिलाने से नहीं चूके कि वह अपनी फ्रेंचाइजी और राष्ट्रीय टीम की तरफ से किस तरह की जिम्मेदारी निभाते रहे हैं.


उन्होंने कहा,‘जब आप स्वयं उस स्थिति में होते हैं तो आप जानते हैं कि मैच कैसे जीतना है. मैं लंबे समय से ऐसा करता आ रहा हूं. ऐसा नहीं है कि जब मैं खेलता हूं तो अपनी टीम के लिए मैच नहीं जीतता हूं. मुझे गर्व है कि मैं परिस्थिति के अनुसार खेलता हूं.’


मैं फैंसी शॉट खेलने वाला खिलाड़ी नहीं


कोहली अक्सर बीच के ओवरों में धीमे पड़ जाते हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपनी तकनीक पर कायम रहते हैं और किसी तरह का ‘फैंसी शॉट’ खेलने से बचते हैं.


उन्होंने कहा,‘मैं उस तरह का खिलाड़ी नहीं हूं जो बहुत अधिक ‘फैंसी शॉट’ खेलता हो. हमें साल के 12 महीनों में खेलना होता है. मैं उन खिलाड़ियों में शामिल नहीं हूं जो ‘फैंसी शॉट’ खेल कर अपना विकेट इनाम में देता हो. आईपीएल के बाद हमें टेस्ट क्रिकेट में खेलना है. मुझे अपनी तकनीक पर कायम रहना होगा और अपनी टीम के लिए मैं जीतने के तरीके ढूंढने होंगे.’


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