नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया की 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी एश्ले बार्टी ने शनिवार को विंबलडन 2021 का महिला एकल खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. 40 साल बाद किसी ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी के हाथों में विंबलडन ट्रॉफी आई है. साल 2003 में विंबलडन का जूनियर खिताब जीतने वाली बार्टी की कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है.


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बार्टी बचपन में नेटबॉल खेलती थीं लेकिन आगे चलकर उन्होंने टेनिस के लिए नेटबॉल छोड़ दिया. टेनिस का रैकेट थामने के बाद उन्होंने तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगीं. पहली बार उन्होंने 10 साल पहले विंबलडन के कोर्ट पर अपनी चमक बिखेरी और 15 वर्ष की उम्र में जूनियर चैंपियन बनी.



लेकिन इसके बाद उनका एकल करियर परवान नहीं चढ़ा और युगल में वो कोई खिताबी नहीं जीत सकीं. 2013 में वो दो ग्रैंड स्लैम विंबलडन और फ्रेंच ओपन के महिला युगल फाइनल में पहुंचीं लेकिन खिताब जीतने से एक कदम दूर रह गईं.


अचानक ले लिया टेनिस से ब्रेक
ऐसे में अचानक एश्ले बार्टी ने साल 2014 में अमेरिकी ओपन के बाद उन्होंने टेनिस से ब्रेक लेने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि वो एक सामान्य टीनएजर की तरह जीवन जीना चाहती हैं. साल 2015 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट टीम से मुलाकात के बाद उनकी रुचि प्रोफेशनल क्रिकेट की ओर बढ़ी. जब उन्होंने क्रिकेट में हाथ आजमाने का फैसला किया तब उनके प्रोफेशनल क्रिकेट का खेलने का अनुभव नहीं था.


विमंस बिगबैश लीग में नहीं मचा पाईं धमाल
लेकिन सच्ची लगन के दम पर उन्होंने तेजी से क्रिकेट के मैदान पर खुद को स्थापित कर लिया और बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट की टीम में जगह बनाने में सफल हुईं. अपने डेब्यू मैच में उन्होंने मेलबर्न स्टार्स के खिलाफ 27 गेंद में 39 रन की पारी खेलकर करियर का आगाजज किया.



इस पारी के दौरान उन्होंने एक छक्का भी जड़ा. इस पारी के बाद वो टीम की नियमित सदस्य बनी रहीं. उन्हें 9 मैच खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 11.33 की औसत से 68 रन बनाए. पहले मैच का स्कोर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा.


बिग बैश की असफल पारी के बीद की टेनिस में वापसी
बिग बैश लीग में खेलने के असफल अनुभव के बाद बार्टी ने साल 2016 में टेनिस के मैदान पर दोबारा वापसी की. टेनिस कोर्ट में पुरानी लय हासिल करने में उन्हें तकरीबन एक साल का वक्त लग गया. साल 2017 में वो फ्रेंच ओपन में महिला एकल के फाइनल में पहुंचने में सफल हुईं और साल के अंत तक एकल और युगल दोनों में टॉप 20 में जगह बनाने में सफल हुईं. इसके बाद साल 2018 में उन्होंने विंबलडन का महिला युगल खिताब अपने नाम कर लिया. डबल्स में विंबलडन चैंपियन बनने के बाद एकल स्पर्धाओं में भी उनका उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया.


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साल 2019 में पहली बार जीता एकल ग्रैंडस्लैम खिताब
साल 2019 की शुरुआत बार्टी ने शानदार अंदाज में की और ऑस्ट्रेलियन ओपन में दुनिया की तीन टॉप 15 रैंक खिलाड़ियों को मात दी. जिसमें दुनिया की तत्कालीन नंबर एक खिलाड़ी सिमोना हालेप भी शामिल थीं. इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत बार्टी 10 साल बाद ऑस्ट्रेलियाई ओपन में महिला एकल के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई महिला बनीं.


इस शानदार प्रदर्शन को बार्टी ने फ्रेंच ओपन में भी जारी रखा और पहली बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने में सफल हुईं. वो मार्गेट कोर्ट के बाद फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीतने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बनी थीं. इस जीत के कुछ दिन बाद बार्टी दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी भी बन गईं.



बार्टी की सफलता की कहानी विबंलडन 2021 में भी जारी रही और 40 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को महिला एकल का विबंलडन खिताब भी दिला दिया. साल 2017 के बाद बार्टी दुनिया में सबसे ज्यादा 12 खिताब जीतने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. जीत प्रतिशत के मुकाबले में वो केवल सेरेना विलियम्स से पीछे हैं.


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