टीम से बाहर होते ही छलका क्रिकेटर का दर्द, कहा- `कुछ लोगों को मेरी ईमानदारी पर शक था`
उन्होंने कहा कि मैं इतने सालों तक बंगाल के लिए खेला. फिर भी मेरी निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल उठाए गए, जिससे मुझे निराशा हुई.
नई दिल्ली: भारतीय टीम के 37 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा को जब से टेस्ट टीम से बाहर किया गया है तब से वे लगातार बड़े बड़े खुलासे कर रहे हैं. उन्होंने बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन से अपना नाता तोड़ लिया है.
मेरी ईमानदारी पर शक था- साहा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्रिकेट में पदार्पण करने वाले और 2007 में बंगाल के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने वाले साहा ने कहा कि 15 साल तक बंगाल के लिए खेलने के बाद यह फैसला लेने से वो बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि मैं इतने सालों तक बंगाल के लिए खेला. फिर भी मेरी निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल उठाए गए, जो मेरे लिए मायूस करने वाला था.
कठिन हालात से जूझना पड़ा- रिद्धिमान साहा
भारत के लिए कई टेस्ट मैच खेल चुके रिद्धिमान साहा ने कहा कि मेरे लिए भी यह बहुत दुखद एहसास है कि बंगाल के लिए इतने लंबे समय तक खेलने के बाद मुझे इस तरह के हालात से गुजरना पड़ा. यह निराशाजनक है कि लोग इस तरह की टिप्पणियां करते हैं और आपकी ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं.
उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में मैंने पहले कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था, लेकिन अब जब ऐसा हो गया है, तो मुझे भी (आगे बढ़ने) की जरूरत है.
पत्रकार से भी हो चुका साहा का विवाद
रिद्धिमान साहा का एक पत्रकार के साथ भी इसी साल विवाद हुआ. इसमें पत्रकार पर बीसीसीआई ने कड़ा एक्शन लिया और उसे दो साल के लिए बैन कर दिया. दरअसल साहा ने आरोप लगाया था कि उन्हें पत्रकार ने धमकी दी थी. इसके बाद साहा को टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया.
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