Aja Ekadashi: क्या आज ही है अजा एकादशी? दुविधा में लोग, जानें- मथुरा-वृंदावन में व्रत का समय

Aja Ekadashi Fast Timing in Mathura-Vrindavan: राधा रमण मंदिर में जानकारों ने बताया कि एकादशी 30 अगस्त को है. विनोद बाबा जी महाराज(बरसाने वाले) के प्रिया कुंज आश्रम में भी अजा एकादशी 30 अगस्त यानी कल है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Aug 29, 2024, 03:23 PM IST
  • राधा रमण मंदिर में कल एकादशी
  • प्रिया कुंज आश्रम में भी अजा एकादशी 30 अगस्त को
Aja Ekadashi: क्या आज ही है अजा एकादशी? दुविधा में लोग, जानें- मथुरा-वृंदावन में व्रत का समय

Aja Ekadashi Today Update: हिंदुओं के लिए एकादशी, व्रत रखने का एक महत्वपूर्ण दिन होता है. आज हम बात अजा एकादशी (Aja Ekadashi) की कर रहे हैं. वैसे तो इस साल ये एकादशी 29 अगस्त को है. लेकिन मथुरा-वृंदावन में कई प्रमुख स्थानों पर अजा एकादशी 30 अगस्त की है. साथ ही व्रत का समय भी अलग है. एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती और इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, बड़ी श्रद्धा से पूजा-अर्चना करते हैं. तो आइए जानते हैं कि वृंदावन बरसाना व राधा रमण मंदिर में अजा एकादशी कब है और व्रत का समय व पारण समय क्या है?

राधारमण मंदिर के पूज्य गोस्वामी आचार्य श्री पुण्डरीक जी महाराज के अनुसार, श्री अजा एकादशी 30 अगस्त 2024 यानी शुक्रवार को है. व्रत पारण का समय 31 अगस्त 2024 को सूर्योदय से प्रात: 9.32 के मध्य तक रहेगा. राधा रमण मंदिर में जानकारों ने भी ये ही बताया कि वहां एकादशी 30 अगस्त को है.

वहीं, श्री श्री 108 श्री विनोद बाबा जी महाराज(बरसाने वाले) के प्रिया कुंज आश्रम में भी अजा एकादशी 30 अगस्त यानी कल है. तो व्रत भी फिर कल रखा जाएगा. मथुरा में व्रत के पारण का समय 31 अगस्त को प्रात: 6.02 से 9.32 तक का है और कोलकाता में प्रात:  5.21 से 9.32 तक का है.

श्री मलूकपीठ में भी 30 अगस्त शुक्रवार को अजा एकादशी है. तो इसी दिन व्रत रहेगा. श्री राजेन्द्र दास जी महाराज के इंस्टाग्राम पेज पर ये जानकारी दी गई है. बता दें कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को यह शुभ अवसर मनाया जाता है.

Aja Ekadashi 2024: एकादशी पर क्या करें?
-सुबह जल्दी उठें, पवित्र जल से स्नान करें.
-भगवान विष्णु को फूल, माला, चंदन का तिलक, तुलसी पत्र चढ़ाएं और देसी घी का दीया जलाएं.
-भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी पत्र, फल और मखाना खीर (या कोई अन्य घर का बनी मिठाई) का भोग लगाएं.
-'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें, अजा एकादशी कथा का पाठ करें. पूरे दिन विष्णु महामंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
-द्वादशी तिथि को दूध से बनी चीजें और फलों के साथ या चावल और नमकीन खाद्य पदार्थों के साथ पारंपरिक रूप से एकादशी व्रत खोलें.
-आरती करें और प्रत्येक परिवार के सदस्य को पंचामृत दें.

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