बैंक अपराधों से नहीं बच पा रहे बैंक अधिकारी भी, जानें आप कैसे रख सकते हैं अपने पैसों को सलामत
एक तरफ जहां ऑनलाइन या डिजिटल बैंकिंग से हमारी सुविधाओं में इजाफा हुआ है तो वहीं तो इससे जुड़े हुई अपराधों और ठगी की वारदातों में भी इजाफा हुआ है.
नई दिल्ली. यूपी की राजधानी लखनऊ से एक बैंक धोखाधड़ी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. बैंकिंग धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों ने लखनऊ में एक राष्ट्रीयकृत बैंक मैनेजर के रुपयों पर ही हाथ साफ कर दिया. चलिए बताते हैं आपको पूरा मामला क्या है.
लखनऊ में साइबर ठगों ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक की मैनेजर स्नेहलता सिंह के खाथे से 50 हजार रुपये की ठगी को अंजाम दिया है. महिला बैंक प्रबंधक स्नेहलता सिंह ने हजरतगंज पुलिस को जानकारी दी है कि एक से छह जून के बीच कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनके खाते से 50 हजार रुपये निकाल लिए. उन्होंने बताया कि, लेनदेन के लिए कोई ओटीपी नहीं मिला और न ही उसे कोई ईमेल मिला.
इस घटना से यह समझा जा सकता है कि आज के वक्त में बैंकिंग संबंधी अपराध किस तरह से बढ़े हैं और साइबर ठग कितने शातिर हो गए हैं कि बैंक मैनेजर तक उनसे नहीं बच पा रहे हैं.
देश में बढ़े साइबर अपराध
देश में यूपीआई आने के बाद से डिजिटल और ऑनलाइन बैंकिंग और ट्रांजैक्शन जैसे कि पैसा प्राप्त करना, भेजना और लेन देन काफी तेजी से बढ़ा है. बैंकिंग संबंधित कई सारे काम आज हमारे मोबाइस से ही हो जा रहे हैं. हालांकि यूपीआई आने से पहले भी ऑनलाइन या डिजिटल बैंकिंग की सुविधा मौजूद थी लेकिन यूपीआई के आने से इसके इस्तेमाल में काफी तेजी से इजाफा देखने को मिला है.
हालांकि एक तरफ जहां ऑनलाइन या डिजिटल बैंकिंग से हमारी सुविधाओं में इजाफा हुआ है तो वहीं तो इससे जुड़े हुई अपराधों और ठगी की वारदातों में भी इजाफा हुआ है. आप अक्सर ही अपने आस पास साइबर ठगी की घटानाओं के बारे में सुनते होंगे ऐसे में आपके लिए यह समझना जरूरी है कि आप इन घटनाओं से कैसे बचें और अपनी मेहनत की कमाई को साइबर ठगों से कैसे बचाएं.
कैसे बचें ऑनलाइन ठगी से
ऑनलाइन या डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि, हम अपने एटीएम, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के बारे में किसी को भी पता ना चलने दें. इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी ज्यादातर आपके एटीएम, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की गोपनीय जानकारियों जैसे कि पिन, सीवीवी और कार्ड नंबर की जानकारियों को हासिल करके पैसों के फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम देते हैं. ऐसे में यह बेदह जरूरी है कि आप अपने कार्ड की जानकारी को बेहद गोपनीय रखें और इसे किसी भी कॉल मैसेज या व्हाट्स ऐप के जरिए किसी को साझा ना करें.
यूपीआई में रखें खास ध्यान
हमें यूपीआइ और अपने मोबाइल में पैसों के ट्रांजैक्शन संबंधित ऐप को सिक्योर रखने के लिए एक मजबूत पासवर्ड को उपयोग में लाना चाहिए. कई बार लोग अपना डेट ऑफ बर्थ या अपने नाम को ही पासवर्ड के तौर पर प्रयोग करते हैं. लेकिन आपको बताते चलें कि, इस तरह के पासवर्ड सुरक्षित नहीं माने जाते हैं. इसीलिए आपको ऐसा पासवर्ड रखना चाहिए, जिसका अंदाजा आसानी से ना लगाया जा सके. इसके अलावा हमें अपने यूपीआई से संबंधित ऐप के पिन को भी काफी संभाल कर रखना चाहिए.
किसी अंजान लिंक पर ना करें क्लिक
हमें किसी अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. अक्सर हमें मेल इनबॉक्स या मैसेज में इस तरह के लिंक प्राप्त होते हैं, जिनमें हमें कोई बहुत लुभावना ऑफर नजर आता है. लेकिन इस तरह का कोई भी मैसेज या लिंक एक तरह का फ्रॉड हो सकता है. और अगर आपने इस तरह के किसी भी लिंक पर क्लिक किया तो आपको पैसों का नुकसान भी झेलना पड़ेगा.
Koo App
Be careful while using Debit/Credit cards at PoS (Point of Sale) terminals. Always ensure that the card is swiped only in your presence. Be cautious and be cyber safe If you are a victim of cyber crime, dial 1930 and register your complaint at www.cybercrime.gov.in #cybercrime #cybersecurityawareness #cyberattack #cybersafety #cybersecurity #phishing #fraud #cyber #money #cards #debitcard
- CyberDost (@cyberdosti4c) 7 June 2022
फ्रॉड कॉल से रहें सावधान
इसके अलावा हमारे पास कई बार ऐसे भी कॉल आते हैं जब हमसे बिजली के बिल या किसी अन्य तरह की सरकारी सुविधा के लिए और एटीएम कार्ड बंद होने या क्रेडिट कार्ड का बिल पेंडिंग होने के लिए जानकारी और पैसा मांगा जाता है. ध्यान रहे कि आप कभी भी इस तरह की कॉल पर अपनी बैंकिंग, यूपीआई या कार्ड से संबंधित जानकारी किसी को भी ना दें. इस तरह की कॉल्स अक्सर फ्रॉड होती हैं.
इन ऐप को कभी ना करें डाउनलोड
साथ ही कई बार साइबर ठगों द्वारा हमारी समस्या को सुलझाने के मद्देनजर काल की जाती है और वे हमसे एनीडेस्क या टीम व्यूअर या इस तरह के मोबाइस रिमोट अप्लीकेशन को डाउन करके उसका कोड बताने को कहते हैं. आपको कभी भी किसी कॉल पर इस तरह के या किसी भी अप्लीकेशन को डाउनलोड नहीं करना चाहिए. ये ऐप रिमोट ऐप होते हैं और इनको डाउनलोड करके उसका कोड बताने पर आपकी मोबाइल स्क्रीन या कंप्यूटर स्क्रीन पर हो रही गतिविधियों किसी दूसरे के द्वारा देखा जा सकता है. यही नही आपके सिस्टम या मोबाइल को दूसरों के द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है.
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