नई दिल्ली: Child Care Tips: बच्चों को खिलौने बेहद पसंद होते हैं. इस को देखते हुए उनके पेरेंट्स भी उन्हें खूब सारे खिलौने देते हैं. खिलौने से खेलते हुए वे अपनी एक अलग ही काल्पनिक दुनिया बसाने लगते हैं. अगर आप किसी भी बच्चे से उनके फेवरेट खिलौने के बारे में पूछेंगे तो जाहिर है उनका जवाब गुड्डा-गुड़िया, किचन सेट या बंदूक होंगे. एक ओर जहां ये खिलौने बच्चों का मन बहलाते हैं तो वहीं ये उनके मानसिक विकास पर भी बड़ा असर डालते हैं. खिलौने बच्चों के बचपन का एक अमूल्य हिस्सा होते हैं. इसी के सहारे उनका बचपन खुशियों से भरता है. खैर अगर आप अपने बच्चे को तेहफे में खिलौने देते हैं तो इससे पहले इन बातों को जरूर ध्यान दें. 


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जेंडर के हिसाब से खिलौने देना बंद करें
कई पेरेंट्स अपने बेटे को कार, बंदूक, गूलेल या वीडीयो गेम्स जैसी चीजें देते हैं. वहीं लड़की को किचन सेट, टी सेट और बार्बी डॉल जैसे खिलौने देते हैं. इन खिलौनों के आधार पर अपने बच्चों को जेंडर स्टीरियोटाइप्स की चेन में न बांधें. ऐसा करने से उनकी मानसिक विकास में काफी बदलाव आ सकता है.  


बच्चों को ये खिलौने देने से पहले सोचें 


वीडीयो गेम्स 
बच्चों को वीडीयो गेम्स खेलना बेहद पसंद होता है. आज के समय में कम उम्र में ही बच्चों को मोबाइल फोन और कंप्यूटर गेम्स की लत लग गई है. इसके बिना न तो वे खाना खाते हैं और न ही सोते हैं, जिसका सीधा असर उनकी हेल्थ पर पड़ता है. इसके अलावा वीडीयो गेम्स खेलने की वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे बच्चे जरूरत से ज्यादा कॉम्पिटेटिव और हाइपर हो जाते हैं. उन्हें अपनी हार स्वीकार नहीं की जाती है और हारने पर वे चिड़चिड़े हो जाते हैं. 


बंदूक 
सबसे पहले तो बच्चों के लिए बंदूक, तलवार, गुलेल, और धनुष-तीर जैसे हिंसक खिलौने नहीं बनने चाहिए क्योंकि ये खिलौने आपके कोमल और इनोसेंट बच्चे को हिंसक प्रवृत्ति के बना सकते हैं. वे अपने दोस्तों या भाई-बहनों से इन खिलौने के जरिए झूठ-मूठ की लड़ाई लड़ते हैं. ऐसा करते हुए वे कब सच-मुच झगड़ालू और हिंसक बन जाते हैं ऐसा पता ही नहीं चल पाता है. ऐसे खिलौने बच्चों को हिंसक बनाने के साथ ही उनमें निगेटिविटी भी लात हैं. 


बार्बी डॉल 
छोटी लड़कियों को गुड़ियां बेहद पसंद होती हैं खासतौर पर बार्बी डॉल तो उनकी फेवरेट होती हैं. स्लिम फिगर, तीखे नैन-नक्श, सुंदर बाल और अच्छे कपड़ों से सजी हुई बार्बी डॉल दुनियाभर के बच्चों के बीच काफी सालों से बेहद पॉपुलर है. बाजार में आपको इस तरह की कई सारी बार्बी डॉल्स मिल जाएंगी. भले ही आपकी बेटी को यह डॉल बेहद होगी, लेकिन ये उनके दिमाग पर बुरा असर भी डाल सकती है. इस तरह की गुड़िया से खेलने पर आपके बच्चे के मन में सुंदरता की यही परिभाषा बन जाएगी, जो आगे चलकर परेशानी का कारण बन सकती है. 


टी सेट 
ये सभी जानते हैं कि बच्चों को चाय-कॉफी देना उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसमें मौजूद कैफीन उनके विकास में बाधा डाल सकती है. ऐसे में अगर आप उन्हें टी सेट देते हैं तो झूठ-मूठ की चाय परोसते-परोसते उनके मन में भी इसे पीने की इच्छा या लालच बढ़ेगी. अब भले ही आप उसे ये पीने के लिए न दें, लेकिन इस खिलौने से खेलकर वे किसी न किसी बहाने चाय-कॉफी पीने की कोशिश तो करेंगे ही.  


डॉक्टर सेट 
कई पेरेंट्स बच्चों के जवान होने से पहले ही उनका करियर डिसाइड करने लगते हैं. इसके लिए वे बच्चों की लाइफस्टाइल उसी तरह की रखने लग जाते हैं. कई पेरेंट्स अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने का सपना भी देखते हैं. ऐसे में वे उन्हें खेलने के लिए डॉक्टर सेट दे देते हैं. डॉक्टर सेट से खेलते हुए झूठ-मूठ की बीमारियों को ठीक करने का नाटक करते-करते कब उनमें माता-पिता की ओर से डॉक्टर बनने का प्रेशर आने लगता है उन्हें इस बात का पता ही नहीं लग पाता.   


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.   


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