नई दिल्ली: रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. सौदे के हिस्से के रूप में वर्तमान प्रबंधन दो साल तक जारी रहेगा. 


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बेटी ने कारोबार संभालने से किया इनकार


82 वर्षीय चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य रहा है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है. चौहान ने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती. बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है.


चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप 'इसका और भी बेहतर तरीके से पालन पोषण और देखभाल करेगा', हालांकि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक 'दर्दनाक' निर्णय था.


'टाटा' को कंपनी बेचने का क्या है कारण?


कहा जाता है कि रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित बिसलेरी के पास अलग-अलग समय में कई दावेदार थे. टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही थी और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद अपना मन बना लिया था. उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट में बताया, "मुझे वे पसंद हैं. वे अच्छे लोग हैं."


कारोबार बेचने के बाद चौहान को अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखने का कोई मतलब नजर नहीं आता. उन्होंने कहा, "जब मैं शो नहीं चला रहा हूं तो मैं इसका क्या करूंगा?"


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