Budget Expectations: मोदी सरकार के बजट में महिलाओं के लिए क्या होगा खास? जानें क्या-क्या हैं उम्मीदें
भारत की राष्ट्रपति महिला हैं, भारत की वित्त मंत्री महिला हैं, तो महिलाओं के लिए बजट से ज्यादा उम्मीदें लगाना भी लाजमी है. बजट को लेकर महिलाओं को क्या-क्या उम्मीदें हैं और मोदी सरकार के बजट में महिलाओं के लिए क्या खास हो सकता है. इस रिपोर्ट में जानिए
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब संसद में बजट से एक दिन पहले अभिभाषण दे रही थीं तो पूरा सदन मेज थपथपा रहा था. एक महिला राष्ट्रपति के लिए भारत की संसद की तरफ से ये विशेष सम्मान था. देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, LAC से लेकर LoC तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक, आर्टिकल 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक मेरी सरकार की पहचान निर्णायक सरकार की रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि 'राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के संविधान का गौरव है. भारत की संसदीय प्रणाली का गौरव है, विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है.' ऐसे में सवाल ये है कि नारी सम्मान का अवसर बुधवार को भी मिलेगा क्या? ये सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देशभर की महिलाएं पूछ रही हैं.
महिलाएं क्या चाहती हैं?
ज़ी मीडिया ने कई जगहों पर महिलाओं से उनकी राय जानने की कोशिश की. इस दौरा एक महिला ने कहा कि बजट के कारण असर किचन पर पड़ता है. फूड पर खर्च के लिए पैसे मिलते हैं, सारे खर्च हो जाते हैं. महंगाई पर कंट्रोल करें. एक दूसरी महिला ने ये मांग की कि सबसे पहले रसोई में सिलेंडर का दाम कम होना चाहिए. 1100 से ज्यादा हो गया हैय 900 तक दाम हो, गहनों के दाम कम करें. 55000 बहुत है.
महंगाई महिलाओं की सबसे बड़ी चिंता है. एक महिला ने ये मांग की है कि इतनी तेजी से महंगाई बढ़ गई, उसपर काबू हो. गैस सिलेंडर एजुकेशन फीस भी कम होनी चाहिए.
महंगाई पर महिलाओं की चिंता
महिलाओं के लिए महंगाई बहुत बड़ा मुद्दा है. गैस सिलेंडर से लेकर खाने के सामान तक के दाम बढ़े हैं. साल 2022 में महंगाई ने किचन का बजट बिगाड़ने में कोई कमी नहीं छोड़ी. 12 महीनों में ज्यादा समय तक महंगाई बढ़ी रही.
2022 में रिटेल महंगाई दर अगर आप देखें तो जनवरी में 6 प्रतिशत से ज्यादा रही. अप्रैल में सबसे ज्यादा 7.79 प्रतिशत, अगस्त में 7 प्रतिशत, सितंबर में 7.41 प्रतिशत और दिसंबर में सबसे कम 5.72 प्रतिशत रही.
महंगाई का मतलब सिर्फ किचन नहीं होता. ज्यादातर महिलाओं का दावा है कि उनके घर का बजट किचन से ज्यादा महंगा एजुकेशन बिगाड़ रहा है. पढ़ाई की फीस बहुत ज्यादा हो गई है. जिसपर लगाम लगाना जरूरी है.
महिलाओं का कहना है कि डेली रूटीन की चीजें, गैस सिलेंडर, सब्जी, एजुकेशन में राहत मिलनी चाहिए. डीजल पेट्रोल के रेट कम होने चाहिए. एजुकेशन में जनरल कैटेगरी पिस रही है, रिजर्वेशन बंद कर दें.
एक अन्य महिला ने ये मांग की कि अगर हम खुद ही जॉब क्रिएट करें, Rather than Asking और जॉब दीजिए और जॉब दीजिए. इससे अच्छा तो कुछ हो ही नहीं सकता कि एंटरप्रेन्योरशिप को और प्रमोट किया जाए. स्किल डेवलपमेंट को और पुख्ता करने के लिए छोटे-छोटे गांवों में स्किल डेवलपमेंट का यूनिट खोलना चाहिए. हम इंडिया को एक्सपोर्ट हब बनाएं.
बजट में महिलाओं को क्या मिलने की उम्मीदें?
एक महिला का मानना है कि घर चलाना हर किसी की जिम्मेदारी है. घर हर किसी को चलाना है. महंगाई बाहर जा रही है उसपर कंट्रोल करना चाहिए. बजट बहुत ज्यादा बाहर जा रहा है. उसके लिए प्रधानमंत्री जी से रिक्वेस्ट करती हूं.
अब जानते हैं कि बजट से महिलाओं को क्या मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार अहम कदम उठा सकती है. अपना रोजगार शुरू करने पर महिलाओं को कई तरह की रियायतें दी जा सकती हैं. होम लोन में टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन एलपीजी गैस सस्ता होने की उम्मीद कम है. यानी आपके किचन के बजट में राहत की उम्मीद कम है.
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