दिल्ली: एक तरफ कोरोना वायरस की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर चल रहा है दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया है. कोरोना के असर के चलते दुनिया में तेल को लेकर प्राइज वॉर भी देखने को मिल रहा है. इस बीच भारत में पेट्रोल-डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विशेष उत्पाद शुल्क 2 रुपये से बढ़कर हुआ 8 रु.


अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क प्रति लीटर दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये कर दिया है तो वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है.  



एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का नतीजा सामान्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आता है लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट के हिसाब से समायोजित हो जाएगी और कीमतों में इजाफा नहीं होगा.


कच्चे तेल के दाम में आई कमी


दुनिया में तेल पर छिड़े प्राइज वॉर के बीच कच्चे तेल के दाम में कमी आई है. जिसके कारण पेट्रोल-डीजल के दाम में मामूली गिरावट हर दिन देखने को मिल रही हैं. हालांकि कीमतें गिरने का फायदा भारत में ग्राहकों को मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं एक्साइज ड्यूटी तीन रुपये बढ़ाए जाने से ग्राहकों पर इसका असर भी ज्यादा नहीं होगा. 


ये भी पढ़ें- हिन्दुस्तान में बढ़ा कोरोना का कहर, पढ़ें: योगी सरकार के 10 बड़े फैसले


उल्लेखनीय बात ये है कि भारत में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ऐसे वक्त में बढ़ाई गई है, जब पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें घट गई हैं.


जानिये क्यों बढ़ाई गयी  एक्साइज ड्यूटी


ये भी पढ़ें- मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा, 4% बढ़ाया महंगाई भत्ता


आपको बता दें कि मौजूदा वित्तीय हालातों में इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास कार्यों के लिए जरूरी फंड जुटाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है. उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का नतीजा सामान्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आता है लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट के हिसाब से समायोजित हो जाएगी और कीमतों में इजाफा नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को बढ़ाने की कोशिश में सरकार ने यह फैसला लिया है.