अब चूल्हा जलाना और गाड़ी चलाना होगा सस्ता, गैस की कीमतों में भारी कमी के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
सरकार ने गुरुवार को प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों के आधार पर पाइप्ड कुकिंग गैस की कीमतों को सीमित करने के लिए एक नए गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को मंजूरी दे दी. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद इस संबंध में जानकारी दी.
नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों के आधार पर पाइप्ड कुकिंग गैस की कीमतों को सीमित करने के लिए एक नए गैस मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को मंजूरी दे दी. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद इस संबंध में जानकारी दी.
कच्चे तेल की कीमत के आधार पर नहीं होगा मूल्य निर्धारण
उन्होंने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की ओर से लिए गए निर्णय के अनुसार, विरासत या पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस, जिसे प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र (APM) गैस के रूप में जाना जाता है, को अब कच्चे तेल की कीमत के आधार पर मूल्य निर्धारण के बजाय अनुक्रमित किया जाएगा.
1 अप्रैल से APM गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत के 10 फीसदी पर होगी. हालांकि इस तरह की दर 8.57 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के मौजूदा गैस मूल्य के मुकाबले 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर कैप की जाएगी. द्वि-वार्षिक संशोधन की मौजूदा प्रथा के बजाय हर महीने दरें तय की जाएंगी.
PNG और CNG के दाम में आएगी भारी कमी
ओएनजीसी और ओआईएल के नामांकन क्षेत्रों में नए कुओं या हस्तक्षेपों से उत्पादित गैस को एपीएम मूल्य से 20 प्रतिशत अधिक प्रीमियम की अनुमति होगी. इस कदम से घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और परिवहन के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) की कीमतों में भारी कमी आएगी.
घरेलू गैस उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी राहत
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए स्थिर मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करना है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ उत्पादकों को प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना है.
प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ाने में मिलेगी मदद
सरकार ने 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. सूत्रों ने कहा कि सुधारों से प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और शुद्ध शून्य के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
कम कीमतों से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को मदद मिलेगी.
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