Delhi Traffic Challan: सड़क पर चलने वाली गाड़ियों और उसके यात्रियों की सुरक्षा के लिये सरकार ने जो नियम बनाये हैं उन्हें सड़क सुरक्षा नियम कहते हैं और जो इनका पालन नहीं करता है उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ता है. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर जो आर्थिक दंड लगाया जाता है उसे चालान कहा जाता है.


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चालान से सबसे ज्यादा कमाई करने वालों में दिल्ली भी शामिल


चालान का यह पैसा सरकारी खजाने में जाता है और सरकार की आय का मुख्य स्रोत भी माना जाता है. देश की राजधानी दिल्ली का नाम भारत के उन टॉप शहरों में आता है जहां पर हर महीने सबसे ज्यादा चालान काटे जाते हैं.उनमें से भी कुछ खास रास्ते हैं जहां पर औसतन सबसे ज्यादा चालान कटे हैं.


ऐसे में अगर आप दिल्ली में रहते हैं और चालान से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अगर आपको लगता है कि गलती से ये गलती हो सकती है तो इन रास्तों पर जानें से बचें जहां पर सबसे ज्यादा चालान होते हैं.दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग एंड लीगल विभाग के स्पेशल कमिश्नर आईपीएस संजय सिंह ने एक डेटा शेयर किया है जिसमें दिल्ली के उन रास्तों का जिक्र है जहां पर दिल्ली पुलिस ने सबसे ज्यादा ट्रैफिक चालान काटे हैं.


इन रास्तों पर कटता है सबसे ज्यादा चालान


श्रीनीवासपुरी की लालबत्ती पर औसतन हर महीने 21780 चालान कटे हैं, वहीं पर एयरपोर्ट से चिराग दिल्ली की ओर जाते हुए (आरटीआर)19276 चालान कटते हैं. इनके अलावा आईपी एस्टेट से आईटीओ चौक की ओर जाते हुए औसतन 15855 चालान, धौला कुंआ से नौरोजी नगर के रास्ते पर औसतन 12283 चालान, आरके पुरम से भीकाजी कामा प्लेस के रास्ते पर 12019 चालान, सराय काले खां से एंड्रयूज गंज के रास्ते पर औसतन 11388 चालान, धौला कुंआ से लाल साई मार्केट के रास्ते पर औसतन 10665, सराय काले खां से श्रीनिवासपुरी के रास्ते पर औसतन 10411, कीर्ति नगर से मायापुरी के रास्ते पर औसतन 10207चालान और धौला कुंआ से मूलचंद के रास्ते पर औसतन 9483 चालान काटे जाते हैं.



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