EPFO: पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी, बढ़ाई जा सकती है मासिक पेंशन

EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारकों के लिए जरूरी खबर है. उनकी मासिक पेंशन में इजाफा हो सकता है. इसे लेकर संसद की एक समिति ने मंगलवार को सिफारिश भी की.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 15, 2022, 10:05 PM IST
  • आठ साल पहले तय की गई थी राशि
  • 2 हजार पेंशन की हुई थी सिफारिश
EPFO: पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी, बढ़ाई जा सकती है मासिक पेंशन

नई दिल्लीः EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारकों के लिए जरूरी खबर है. उनकी मासिक पेंशन में इजाफा हो सकता है. इसे लेकर संसद की एक समिति ने मंगलवार को सिफारिश भी की. संसद की एक समिति ने कहा कि ईपीएफओ की पेंशन योजना के तहत अंशधारकों को न्यूनतम मासिक पेंशन के रूप में 1,000 रुपये देना बहुत कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि श्रम मंत्रालय पेंशन राशि बढ़ाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाए. 

आठ साल पहले तय की गई थी राशि
श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अनुदान मांग 2022-23 पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘आठ साल पहले तय की गई 1,000 रुपये की मासिक पेंशन अब काफी कम है.’ संसदीय समिति के अनुसार श्रम और रोजगार मंत्रालय के लिए जरूरी है कि वह उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिश के अनुसार वित्त मंत्रालय से पर्याप्त बजटीय समर्थन को लेकर मामला आगे बढ़ाए. 

इसके अलावा ईपीएफओ अपनी सभी पेंशन योजनाओं का विशेषज्ञों के जरिये मूल्यांकन करे, ताकि मासिक सदस्य पेंशन को उचित सीमा तक बढ़ाया जा सके. श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के मूल्यांकन और समीक्षा के लिए वर्ष 2018 में उच्च-अधिकार प्राप्त निगरानी समिति का गठन किया था. 

2 हजार रुपये पेंशन की हुई थी सिफारिश
समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की थी कि सदस्यों/विधवा/विधवा पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर 2,000 रुपये की जाए. इसके लिए जरूरी सालाना बजटीय प्रावधान किए जाएं. हालांकि, वित्त मंत्रालय न्यूनतम मासिक पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाने के लिए सहमत नहीं हुआ. 

संसदीय समिति के मुताबिक, कई समितियों ने इस बारे में विस्तार से चर्चा की है. उससे यही निष्कर्ष निकलता है कि जब तक विशेषज्ञों से ईपीएफओ की पेंशन योजना के अधिशेष/घाटे का उपयुक्त आकलन नहीं होता, मासिक पेंशन की समीक्षा नहीं हो सकती. 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईपीएफओ सदस्यों, खासकर 2015 से पहले सेवानिवृत्त होने वालों को ‘ई-नॉमिनेशन’ के लिये कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ-साथ ‘ऑनलाइन ट्रांसफर क्लेम पोर्टल’ (ओटीसीपी) के कामकाज में भी मुश्किलें आ रही हैं. 

संसदीय समिति ने डिजिटल इंडिया पहल के साथ सूचना प्रौद्योगिकी साधनों के अधिक उपयोग को लेकर ईपीएफओ के प्रयासों की सराहना की. साथ ही यह सुझाव दिया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से ‘नॉमिनेशन’ को लेकर होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये सुधार को लेकर और प्रयास करने चाहिए. 

यह भी पढ़िएः कब केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल होगी, केंद्र सरकार ने दिया जवाब

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़