नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का आंकड़ा अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा है. फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये के पार गया है. रविवार को वित्त मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई. वित्त मंत्रालय ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2020 तक दाखिल किए गए कुल जीएसटीआर-3बी रिटर्न की संख्या 80 लाख पर पहुंच गई है.


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वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अक्टूबर, 2020 में कुल जीएसटी संग्रह 1,05,155 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी का हिस्सा 19,193 करोड़ रुपये, एसजीएसटी का 5,411 करोड़ रुपये, आईजीएसटी का 52,540 करोड़ रुपये (इसमें वस्तुओं के आयात पर 23,375 करोड़ रुपये का संग्रह भी शामिल है) और 8,011 करोड़ रुपये का उपकर (932 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर) शामिल है. 



अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत
पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल अक्टूबर में कुल जीएसटी रेवेन्यू (GST Revenue) में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस महीने के दौरान आयात के जरिए प्राप्त रेवेन्यू 9 फीसदी अधिक रहा है. घरेलू स्तर पर लेनदेन के आधार पर देखें तो जीएसटी रेवेन्यू में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है.



जुलाई, अगस्त और सितंबर की तुलना में जीएसटी रेवेन्यू का ग्रोथ क्रमश: -14%, -8% और 5% रहा है. इन आंकड़ों से माना जा सकता है अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.


ऐसे बढ़ी जीएसटी वसूली?
जीएसटी में यह बढ़त इसलिए आई है क्योंकि सरकार अनलॉक प्रक्रिया के तहत कई रियायतें दे रही है. इससे आर्थिक गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ रही हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय ट्रेड भी शुरू हो गया है. जानकार मानते हैं कि जीएसटी के रेवेन्यू में बढ़त का मतलब बिजनेस ऑपरेशन का आउटलुक अब ठीक हो रहा है.


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