Health insurance: कैशलेस क्लेम के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, अब सिर्फ इतने घंटों में हो जाएगा काम

Health Insurance Cashless Claim: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कहा कि बीमाकर्ता कैशलेस अनुरोधों से निपटने के लिए अस्पताल में फिजिकल मोड में एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था भी कर सकते हैं.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : May 30, 2024, 02:33 PM IST
  • अस्पतालों में फिजिकल मोड में हेल्प डेस्क की व्यवस्था
  • स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में बदलाव
Health insurance: कैशलेस क्लेम के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, अब सिर्फ इतने घंटों में हो जाएगा काम

Health Insurance Cashless Claim: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए विनियामक मानदंडों में बड़े बदलाव किए हैं और स्वास्थ्य बीमा प्रोडक्ट्स पर एक प्रभावशाली मास्टर सर्कुलर जारी किया है. IRDAI ने कहा कि बीमाकर्ता को डिस्चार्ज करने की अस्पताल की तरफ से दी गई जानकारी प्राप्त होने के तीन घंटे के भीतर अंतिम प्राधिकरण प्रदान करना होगा. यानी तीन घंटे के अंतर जो क्लेम होता है वह क्लियर करना होगा.

नियामक ने कहा, 'किसी भी स्थिति में पॉलिसीधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए. यदि तीन घंटे से अधिक की देरी होती है, तो अस्पताल द्वारा ली गई अतिरिक्त राशि (यदि कोई हो) बीमाकर्ता द्वारा शेयरधारक के फंड से वहन की जाएगी.'

IRDAI ने कहा कि आपातकालीन मामलों में बीमाकर्ता को कैशलेस प्राधिकरण के अनुरोध पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए. ऐसा करने के लिए, नियामक ने बीमाकर्ताओं को 31 जुलाई, 2024 तक तुरंत आवश्यक प्लान को स्थापित करने का आदेश दिया.

नियामक ने कहा कि बीमाकर्ता कैशलेस अनुरोधों से निपटने के लिए अस्पताल में फिजिकल मोड में एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था भी कर सकते हैं.

मरीजों और उनके परिवारों के लिए राहत (IRDAI Changes)
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IRDAI ने कहा कि बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों को प्रोडक्ट/ऐड-ऑन/राइडर्स उपलब्ध कराकर प्रभावशाली विकल्प प्रदान करने चाहिए. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए, बीमाकर्ताओं को सभी आयु, क्षेत्रों, व्यावसायिक श्रेणियों, चिकित्सा स्थितियों/उपचारों, सभी प्रकार के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए विविध बीमा प्रोडक्ट पेश करने चाहिए.

-एक से अधिक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों वाले पॉलिसीधारक को वह पॉलिसी चुनने का विकल्प मिलेगा जिसके तहत वह स्वीकार्य दावा राशि प्राप्त कर सके.

-बीमा कंपनियों को प्रत्येक पॉलिसी दस्तावेज के साथ ग्राहक सूचना पत्र (CIS) भी उपलब्ध कराना होगा.

-पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा न होने की स्थिति में, बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों को बीमा राशि बढ़ाने या प्रीमियम राशि में छूट जैसे विकल्प प्रदान करके मदद कर सकते हैं.

-यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय पॉलिसी रद्द करने का विकल्प चुनता है, तो उन्हें शेष पॉलिसी अवधि के लिए प्रीमियम/आनुपातिक प्रीमियम की वापसी मिलेगी.

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