बाढ़ या बारिश में घर-संपत्ति को नुकसान होने पर मुआवजा कैसे मिलेगा, जानिए यहां
बारिश के चलते कई जगह घर और संपत्ति के नुकसान की रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. कहीं लोगों के घर टूट गए हैं तो कहीं संपत्ति को हानि पहुंची है. ऐसी स्थिति में लोग खुद को असहाय महसूस करते हैं. ऐसे में जानिए आप कैसे बारिश या बाढ़ की वजह से होने वाले नुकसान में मुआवजा हासिल कर सकते हैं.
नई दिल्लीः देश के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं. जहां पहाड़ों में बारिश के चलते भूस्खलन हो रहा है या जमीन का धंसाव हो रहा है वहीं मैदानी इलाकों में कई जगह बाढ़ आई है. इसकी वजह से लोगों के घरों को भी नुकसान हो रहा है. लोगों के घर टूट रहे हैं या पूरी तरह ही तबाह हो जा रहे हैं. ऐसे में बारिश में घर टूटने पर कैसे मुआवजा मिल सकता है, जानिए यहांः
नियत प्रक्रिया के तहत मिलता है मुआवजा
बारिश की वजह से नुकसान होने पर स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि वह मुआवजा दे ताकि नुकसान झेलने वाले की क्षतिपूर्ति हो सके. लेकिन स्थानीय प्रशासन से भी मदद पाने के लिए प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है तभी आर्थिक सहायता मिल पाती है. इसके लिए कुछ नियम तय हैं.
दरअसल जब किसी भी राज्य में बारिश, बाढ़ या कोई अन्य आपदा आती है तो जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है कि मुआवाजे का बंटवारा किया जाए. इसके लिए जिला कलेक्टर की ओर से नुकसान का सर्वे कराता है. इसके बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है.
सर्वे में किया जाता है नुकसान का आकलन
अगर बारिश या बाढ़ के चलते घर या संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तो शहर में रहने वाले अपनी नगर पालिका में सूचना दें जबकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले पंचायत में संपर्क करें. स्थानीय प्रशासन नुकसान के सर्वे की सूचना देता है. सर्वे में सरकारी अफसर और कर्मचारी पारिवारिक संपत्ति और जीवन से जुड़े नुकसान के बारे में जानकारी लेते हैं और इसका आकलन करते हैं.
सर्वे करने वाले अधिकारी नुकसान के फोटो लेते हैं और वीडियो भी बनाते हैं. इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाती है. जिला प्रशासन की ओर से नुकसान की डिटेल्ड रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाती है. राज्य सरकार की ओर से जारी राहत पैकेज को प्रभावित परिवारों में बांटा जाता है.
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