नई दिल्ली: इस साल 2 अक्टूबर का दिन पूरे देश के लिए बेहद ही खास है. दरअसल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है. इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है. महात्मा गांधी के जीवन को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में देखा जाता है. केवल जीवन दर्शन ही नहीं बल्कि गांधी जी का जीवन हमें वित्तीय रूप में भी मार्गदर्शन देता है. 


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बचत है जरूरी


गांधी जी का मानना था कि अपने खर्चों को सही तरह से मैनेज करने के लिए बचत करना बेहद ही जरूरी है. बचत करने से हमारे मुश्किल समय के लिए पैसा बचा रहता है. इन बचाए गए पैसों से हम अपनी भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. साथ ही हमें आने वाले आकस्मिक खर्चों से निपटने में भी काफी आसानी होती है. गांधी जी का मानना था कि सारा पैसा आज पर खर्च करने की बजाय हमें भविष्य के लिए भी धन बचा कर रखना बेहद जरूरी है. 


छोटी शुरुआत भी है बेहद कारगार


जब बात बचत और निवेश की आती है तो हम अक्सर बड़ी रकम की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं. लेकिन गांधी जी का ये मानना था कि अक्सर हमें छोटी शुरुआत करनी चाहिए. खुद गांधी जी ने भी देश को आजाद कराने की दिशा में पहले छोटे-छोटे कदमों से ही शुरुआत की थी. इस लिहाज से भी हम समझ सकते हैं कि निवेश के मामले में शुरुआत करना ही सबसे पहला और जरूरी कदम है. 


धैर्य है जरूरी


महात्मा गांधी अपने जीवन में धैर्य को बड़ा महत्व देते थे. साथ ही महात्मा गांधी का पूरा जीवन भी हमें धैर्य अपनाने को लेकर शिक्षित करता है. महात्मा गांधी के धैर्य के मंत्र को हम निवेश और बचत करते समय भी प्रयोग में ला सकते हैं. खास तौर पर जब बात निवेश की आती है तब हमें काफी धैर्य से काम लेना चाहिए. कई सारे निवेश एक्सपर्ट भी यही सलाह देते हैं कि निवेश किए गए पैसों के मामले में धर्य बरतना बेहद जरूरी है. साथ ही शेयर मार्केट में निवेश के वक्त भी लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट की सलाह दी जाती है. 


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