नई दिल्ली: Climate Change: जलवायु परिवर्तन आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है. यह कई तरह से हमारे जीवन को प्रभावित करता है. इसको लेकर हाल ही में न्यूयॉर्क के 'द न्‍यू स्‍कूल फॉर सोशल रिसर्च' और बांग्‍लादेश की 'शाहजलाल यूनिवर्सिटी' ने एक नई रिसर्च पेश की है. इस रिसर्च के मुताबिक क्लाइमेंट चेंज पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के जीवन पर ज्यादा बुरा असर डाल रहा है. 


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लाइफ एक्सपेंटेसी पर पड़ेगा असर 
बता दें कि जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज हर व्यक्ति से उसके जीवन के लगभग 6 महीने छीन रहा है. वहीं अगर वार्षिक औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की भी बढ़ोत्तरी होती है तो इससे लोगों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी साढ़े पांच महीने और भी कम हो सकती है. रिसर्च में पाया गया कि अगर हर साल जलवायु परिवर्तन सूचकांक 10 अंक बढ़ता है तो इससे महिलाओं की लाइफ एक्सपेंटेसी 7 और पुरुषों की लाइफ एक्सपेंटेसी 5 महीने तक घट जाएगी.   


हर साल होगी लाखों लोगों की मौत 
रिसर्च को लेकर शोधकर्ता अमित राय ने 191 देशों में 1940-2020 के बीच टेंपरेचर, बारिश और लाइफ एक्सपेक्टेंसी से जुड़े आंकड़ों को एनालाइज किया. इसमें पाया गया कि जलवायु में तेजी से हो रहा बदलाव हवा, पानी, भोजन और मौसम पर बेहद बुरा असर डाल रहा है. धीरे-धीरे ये हालात और भी ज्यादा गंभीर  होते जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि साल 2030-2050 के बीच क्लाइमेंट चेंज हर साल 2.5 लाख लोगों की मौतों की वजह बनेगा. रिसर्च के अनुसार जलवायु में हो रहे इन बदलावों के कारण हर साल वैश्विक आय में लगभग 400 करोड़ डॉलर से ज्यादा नुकसान पहुंचने वाला है.  


खाने के भी पड़ सकते हैं लाले 
रिसर्च में यह भी पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि पैदावार पर भी ज्यादा असर पड़ सकता है. इससे खाने-पीने की कीमतों में भी काफी असर देखने को मिला. इससे दुनिया के सामने फ्रूड क्राइसिस की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है.  


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