चंद पलों में पाकिस्तान को बर्बाद कर सकता है ``पिनाक मिसाइल सिस्टम``
भारत ने 75 किलोमीटर तक सटीक प्रहार करने वाले पिनाक मिसाइल सिस्टम को और धारदार बनाने के लिए एक और परीक्षण संपन्न कर लिया. यह दुश्मन पर गाइडेड रॉकेट की बौछार करने में सक्षम है.
नई दिल्ली: पिनाक रॉकेट सिस्टम का ओडिशा के चांदीपुर में समुद्री तट पर सफल परीक्षण किया गया. इसके पहले भी तीन परीक्षण किए जा चुके हैं. जिसके बाद पिनाक सिस्टम ज्यादा कारगर और सटीक हो चुका है.
दुश्मन पर कर देता है मिसाइलों की बौछार
पिनाक मिसाइल सिस्टम दुश्मन को संभलने का मौका दिए बिना उसपर गाइडेड मिसाइलों की बौछार कर देता है. जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान पहुंचता है. यह सिस्टम 44 सेकेंड में 12 मिसाइलें दागता है.
करगिल की जंग में इसने बेहद सटीक तरीके से दुश्मन के बंकरों को तबाह किया था. 1999 में पिनाक मार्क-1 संस्करण ने पहाड़ की चोटियों पर बने पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त करके उन्हें अपने बिल से निकलने के लिए मजबूर कर दिया. जिसके बाद भारतीय फौज ने उन्हें भून डाला.
अब और धारदार हो चुका है पिनाक
गुरुवार को हुए परीक्षण के बाद पिनाक मिसाइल सिस्टम की मारक क्षमता बढ़ गई है. पहले इसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर थी. लेकिन अब यह बढ़कर 75 कि.मी हो गई है. यानी भारतीय सेना अपनी सीमा में बैठकर पाकिस्तान के लाहौर को बर्बाद कर सकती है.
ये है पिनाक की खासियतें
पिनाक मिसाइल सिस्टम 214 मिमी बैरल वाले 12 रॉकेट से लैस होता है. इसमें से हर एक रॉकेट पर 250 किलोग्राम का वारहेड लदा हुआ होता है. यह 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से लक्ष्य पर हमला करता है.
पिनाक एडवांस नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम से लैस है. इसको रास्ता दिखाने का काम इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) के जरिये किया जाता है, जिसे ‘नाविक’ भी कहते हैं. नाविक से लैस होने के बाद पिनाका की सटीक मारक क्षमता बढ़ गई है.
खास बात ये है कि पिनाक को बड़ी आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है. यह टाटा ट्रक पर स्थापित होता है. इसकी मोबिलिटी इसे बेहद अचूक और दुश्मन के लिए मारक बना देती है.
ये हैं पिनाक के जन्मदाता
पिनाक मिसाइल सिस्टम के परीक्षण का पूरा काम रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) से जुड़े आयुध अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के निदेशक डा. वी. वेंकटेश्वर राव, रिसर्च सेंटर इंस्टीट्यूट (RCI) के निदेशक बीएचवीएस नारायण मूर्ति और प्रूफ एंड एस्टेब्लिसमेंट (PXE) के निदेशक डीके जोशी की देखरेख में पूरा किया गया है.
गुरुवार को चांदीपुर के रक्षा क्षेत्र में रडार इलेक्ट्रो आप्टिकल सिस्टम, टेलीमेट्री सिस्टम ने परीक्षण के दौरान पिनाका राकेट की पूरी तरह निगरानी की. पुणे के अर्मामेंट रिसर्च एण्ड डेवलेपमेंट स्टैबलिशमेंट(RECI) और हैदराबाद के डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलेपमेंट लेबोरेट्री(DRDL) ने मिलकर पिनाका मिसाइल को तैयार किया है.
इससे पहले इसी साल मार्च में राजस्थान की पोखरण टेस्ट रेंज में पिनाक के तीन सफल परीक्षण किए गए थे.