चंड़ीगढ़: पंजाब में शराब की कीमतों में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है. आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाले राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी पहली आबकारी नीति को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने शराब कारोबार से 9,647.85 करोड़ रुपये एकत्र करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक है.


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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2022-23 की नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई. कैबिनेट की ओर से लिए गए फैसले के बाद राज्य में जो शराब एक सौ रुपये में मिलती है वह जल्द ही 60-70 रुपये में मिलने लगेगी.


माना जा रहा है कि शराब की लगातार बढ़ती तस्करी को रोकने के लिए पंजाब सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है. शराब तस्कर पड़ोस के राज्यों से शराब की तस्करी करते हैं इस कारण सरकार को रेवेन्यू का नुकसान होता है. बता दें कि पंजाब से सटे पड़ोसी राज्यों में शराब सस्ती कीमतों पर मिलती है.


आबकारी विभाग के अधिकारियों की माने तो कि इंडियन मेड फारेन लिकर (आइएमएफएल) का कोटा खत्म करने से बाजार में प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी आएगी और ऐसे में यह लोगों को सस्ती मिलेगी.


राज्य में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई आबकारी नीति में नए डिस्टलरी लाइसेंस और ब्रियूवरी लाइसेंस का भी प्रस्ताव किया गया है. वहीं माल्ट स्पि्रट के उत्पादन के लिए नया लाइसेंस भी देने की बात कही गई है.

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