नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का एक नेटवर्क तैयार कर रहा है, जो दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों से जुड़ेगी. मतलब ये कि दिल्ली के आसपास के शहरों में यात्रा के लिए एक बड़ा नेटवर्क तैयार हो रहा है.  इसके तहत पानीपत, अलवर और मेरठ जैसे शहरों को दिल्ली से जोड़ने का प्लान है.


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दिल्ली से मेरठ के लिए जल्द शुरू होगी रैपिड रेल सेवा
रैपिड रेल सेवा दिल्ली से मेरठ के बीच जल्द शुरू हो सकती है, जो देश की पहली रैपिड रेल होगी. यदि मेट्रो और रैपिड रेल की तुलना की जाए, तो तेज रफ्तार से चलने वाली रैपिड ट्रेन के स्टॉपेज की संख्या कम होगी, जबकि मेट्रो हर लोकल स्टेशनों पर रुकते हुए चलती है. आपको रैपिड ट्रेन और मेट्रो में 5 अंतर समझाते हैं.


1). जिस तरह रेलवे स्टेशनों पर काउंटर से टिकट या ऑनलाइन टिकट बुक किया जाता है, इसी तरह मेट्रो से यात्रा के लिए स्मार्ट कार्ड, क्यू आर कोड वाले टिकट या टोकन का इस्तेमाल होता है. वहीं रैपिड रेल के लिए क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल और पेपर टिकटिंग सुविधाएं मिलेंगी.


2). दिल्ली मेट्रो की रफ्तार और रैपिड ट्रेनों की रफ्तार में भी काफी अंतर होगा. जहां दिल्ली मेट्रो की ट्रेन 80  किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं, तो वहीं रैपिड ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए तैयार किया गया है. जो 1 घंटे/60 मिनट में 100 किलोमीटर तक की यात्रा तय कर सकती है.


3). 6 कोच वाली रैपिड ट्रेन का लुक काफी दिलचस्प है. जो देखने में बुलेट ट्रेन की तरह ही है. अगर आप इसे साइड से देखते हैं तो ये मेट्रो की तरह नजर आएगी. रैपिड ट्रेनों को खास तौर पर उन यात्रियों के लिए तैयार किया गया है, जो शांत तरीके से तेज रफ्तार के साथ लंबी दूरी तय करना चाहते हैं.


4). रैपिड ट्रेन में यात्रियों के बैठने के साथ-साथ खड़े होने की भी खास व्यवस्था होगी. इसकी सीटें 2*2 की होंगी. ट्रेन में चार्जिंग पॉइंट, फ्री वाईफाई, इंफोटेनमेंट सिस्टम और सामान रखने की जगह के साथ अन्य सुविधाएं भी यात्रियों को मिलेंगी. मेट्रो की तरह हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगा.


5). रैपिड ट्रेन के हर कोच में भी 10-10 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी. इन ट्रेनों में ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों की सुविधा होगी. अपनी जरूरतों के हिसाब से पुश बटन का इस्तेमाल करके आप दरवाजे खोल सकेंगे. रोजाना 800,000 यात्रियों के इसमें सफर करने की उम्मीद है.


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