नई दिल्लीः रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दो हजार रुपये के नोट को लेकर बन रहे सारी कन्फ्यूजन दूर किए.  साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों की ओर से नियमों के तहत जितने चाहे उतने नोट बदले जा सकते हैं. आरबीआई ने बैंकों में रोज जमा हो रहे 2 हजार के नोट का डेटा मेंटेन करने को कहा है. उन्होंने कहा कि 2 हजार के नोट को वापस लेने का फैसला मुद्रा प्रबंधन का हिस्सा है.


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नकदी की कमी पूरी करने के लिए लाया गया था 2 हजार का नोट
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2 हजार रुपये का नोट लाया गया था. बैंकों को 2 हजार के नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है. हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर तक ज्यादातर 2 हजार रुपये के नोट वापस हो जाएंगे. 


 



बैंक खाते में 50 हजार रुपये से ज्यादा जमा कराने पर पैन अनिवार्य
उन्होंने कहा कि पहले भी दुकानदार 2 हजार रुपये का नोट लेने में हिचकिचाते थे, अब शायद और ज्यादा हिचकिचाएंगे. उन्होंने यह भी साफ किया कि बैंक खाते में 50 हजार रुपये या अधिक जमा कराने पर जो मौजूदा पैन की अनिवार्यता का नियम है, वह 2 हजार रुपये के नोट के मामले में भी लागू होगा. उन्होंने कहा कि भारत की मुद्रा प्रबंधन प्रणाली काफी मजबूत है. 


हमारे पास पर्याप्त मात्रा से ज्यादा नोट उपलब्ध हैंः आरबीआई गवर्नर
उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं, हमारे पास पहले से मुद्रित पर्याप्त मात्रा से अधिक नोट उपलब्ध हैं. हमारे पास पर्याप्त मात्रा से अधिक मुद्रित नोट पहले से ही सिस्टम में उपलब्ध हैं - न केवल आरबीआई के पास बल्कि बैंकों की ओर से संचालित करेंसी चेस्ट में भी इसलिए, पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और चिंता का कोई कारण नहीं है.


30 सितंबर तक 2 हजार रुपये वापस करने की समयसीमा को लेकर उन्होंने कहा, 30 सितंबर (नोटों के आदान-प्रदान के लिए) तक का समय इसलिए दिया गया है ताकि इसे गंभीरता से लिया जा सके. अगर आप इसे ऐसे ही छोड़ देंगे तो यह एक अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है.


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