15 साल की उम्र से पहले एक्सरसाइज छोड़ना Gen Z को पड़ सकता है भारी, मेंटल हेल्थ हो सकती है प्रभावित
Exercise For Mental Health: `स्टेट ऑफ माइंड इंडेक्स` ने साल 2024 को लेकर एक स्टडी की. इस स्टडी में चीन, भारत, थाइलैंड, ब्रिटेन और इटली समेत 22 देशों के 26 हजार लोगों को शामिल किया गया.
नई दिल्ली: Exercise For Mental Health: एक्सरसाइज हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए बेहद जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की ओर से हमेशा हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह भी दी जाती है. 'डेली स्टार' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल की उम्र से रेगुलर एक्सरसाइज न करना हमारी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है. इसका असर हमारे कॉन्फिडेंस पर भी पड़ता है. इसको लेकर एक रिसर्च भी सामने आई है.
एक्सरसाइज को लेकर की गई रिसर्च
'स्टेट ऑफ माइंड इंडेक्स' ने साल 2024 को लेकर एक स्टडी की. इस स्टडी में चीन, भारत, थाइलैंड, ब्रिटेन और इटली समेत 22 देशों के 26 हजार लोगों को शामिल किया गया. स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों ने 15 साल की उम्र से पहले रेगुलर एक्सरसाइज करना छोड़ दिया था उनमें बड़े होकर काम के प्रति ध्यान केंद्रित करने में 11 प्रतिशत कमी थी. वहीं उनमें से 10 प्रतिशत लोग शांत हो गए, जबिक हर 10 में से 1 व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आई थी.
रिसर्च में हुआ ये खुलासा
'स्टेट ऑफ माइंड इंडेक्स' की रिसर्च में यह भी पाया गया कि 15 साल से कम उम्र में रेगुलर एक्सरसाइज छोड़ने से बड़े होकर व्यक्ति की मनोस्थिति में भी काफी बदलाव आता है. इसमें पाया गया कि ऐसे लोगों की मन की स्थिति यानी स्टेट ऑफ माइंड का लेवल वैश्विक औसत से 15 प्रतिशत कम है. रिसर्च में यह भी सामने आया कि जीवरभर हेल्दी रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सही उम्र 15-17 साल की उम्र के बीच है. ब्रिटेन में इन सालों के दौरान जिन लोगों ने अपनी फिटनेस बरकरार रखी उन्हें बड़े होने पर 100 में से 62 का स्टेट ऑफ माइंड का स्कोर दिया गया, जबकि 15 साल की आयु के बीच एक्टिव नहीं रहने वालों को 100 में से 58 अंक ही दिए गए.
Gen Z पर पड़ रहा असर
रिसर्च में एक्सरसाइज को लेकर काफी जेनरेशन गैप भी देखा गया. इसमें पाया गया कि युवा लोग तेजी से कम एक्टिव होते जा रहे हैं. इसको लेकर किंग्स कॉलेज लंदन के एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर ब्रेंडन स्टब्स ने कहा,' युवा वर्ग में इस उम्र में एक्सरसाइज को लेकर कम एक्टिव रहना बेहद चिंताजनक है. ये उनके एडल्टहुड को नुकासन पहुंचा सकता है.' साइलेंट जेनरेशन के मुकाबले Gen Z की मनोस्थिति बेहद कम है, जो दुनियाभर में भविष्य के मानसिक कल्याण के लिए बेहद प्रभावशाली हो सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी रिसर्च पर आधारित है, लेकिन Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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