नई दिल्ली: Diwali Gifts And Bonus Tax Rule: दिवाली आने वाली है. दिवाली पर अक्सर ही दोस्तों, रिश्तेदारों या अन्य किसी परिचित से हमें तोहफे मिलते हैं. या फिर हम भी दिवाली के अवसर पर अपने दोस्तों और परिचितों को गिफ्ट देते हैं. इसके अलावा ऑफिस में हमें दिवाली के अवसर पर बोनस दिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि दिवाली या इस तरह के किसी भी मौके पर मिलने वाले गिफ्ट और बोनस पर आपको टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है. जिस वजह से आपको मिलने वाले बोनस और गिफ्ट पर आपको टैक्स से जुड़े नियम और कानून को जानना जरूरी है.
क्या होता है गिफ्ट
जी बिजनेस हिंदी के साथ हुई बातचीत में टैक्स एक्सपर्ट सुनील गर्ग ने गिफ्ट के बारे में जानकारी दी है. नकद रुपये पैसे, जमीन और मकान, गहने जेवर, पेंटिंग या फिर महंगी मूर्तियां ये सभी गिफ्ट की श्रेणी में रखे जाते हैं. हालांकि पति या पत्नी, भाई या बहन, पति/पत्नी का भाई या बहन, माता/पिता के भाई या बहन, दादा-दादी या नाना-नानी, पति/पत्नी के दादा-दादी या नाना-नानी, बेटा या बेटी, भाई/बहन का पति या पत्नी से मिले गिफ्ट पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ता है.
कितनी कीमत के गिफ्ट पर लगता है टैक्स
बता दें कि शादी पर मिला गिफ्ट, वसीयत के जरिए मिलने वाला गिफ्ट, स्थानीय प्रशासन से मिला गिफ्ट, सेक्शन 10(23)-शिक्षण संस्थान से मिला गिफ्ट, चैरिटेबल संस्था से मिला गिफ्ट और रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर आपको टैक्स देना होता है.
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है. चेक या कैश में मिली 50000 रुपये से ज्यादा की धनराशि, जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपये से ज्यादा हो, 50000 रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें और अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी पर टैक्स चुकाना पड़ता है.
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