नई दिल्ली.  कोरोना से जूझती दुनिया में अविश्वसनीय है यह समाचार कि एक देश की अर्थव्यवस्था कमजोरी होने की बजाये मजबूत हुई है. और यह देश सौभाग्य से भारत है.  जिसका खजाना कोरोना संकट के बीच में भी भरता जा रहा है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है. 


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 534 अरब डॉलर हुआ विदेशी मुद्रा भंडार


 जुलाई माह के अंतिम दिन यह शुभ समाचार देश के सामने आया है. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 31 जुलाई को समाप्‍त हुए सप्‍ताह ने शानदार बढ़त हासिल की है. ये जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त हुई है जिसके अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में 31 जुलाई को समाप्त हुए सप्‍ताह के दौरान लगभग बारह अरब डॉलर की जबरदस्‍त बढ़त दर्ज हुई है. इसके पहले के हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार लगभग पांच अरब डॉलर की बढ़त के साथ साढ़े पांच सौ बाइस अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था.


विदेशी मुद्रा भंडार ने दी राहत की खबर


कोरोना संक्रमण के भारतीय दौर में देश की आर्थिक गतिविधियां चींटी की गति से रेंगने लगी थीं. देश का आर्थिक मोर्चे लगातार अशुभ समाचार दे रहा था. ऐसी स्थिति में बद से बदतर की आशंका दिखाई देने लगी थी. किन्तु अचानक इसके उलट समाचार सुनाई दिया जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार ने सुनाया औऱ उसके बाद राहत की सांस ली देश ने. आरबीआई के अनुसार देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 31 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के दौरान करीब बारह अरब डॉलर की अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज हुई है.



 


साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति हो गई 


देश का विदेशी मुद्रा भंडार में अब एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति हो गई है. राष्ट्र का वर्तमान फॉरेक्‍स रिजर्व अब तक के अपने सबसे ऊंचे स्तर को छू रहा है  पने शीर्ष स्‍तर पर पहुंच गया है यानी इससे पहले भारत के पास कभी इतनी विदेशी मुद्रा नहीं थी. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति के ऐलान के साथ बताया है कि 534.6 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार अगले एक साल से ज्यादा के आय़ात खर्चे के बराबर है.


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