नई दिल्ली. मोदी सरकार की दो अहम घोषणाएं देश की दिशा तय करने की दिशा में बहुत अहम हैं. इनमें से एक घोषणा देश की सेना के लिए और दूसरी देश की कृषि के हितार्थ की गई है. दोनों ही तरह से देश की सरकार देश की सुरक्षा के प्रति सन्नद्ध दिखाई देती है .
घोषणा की रक्षामंत्री ने
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा करके देश को बताया कि अब भारत में ही एक सौ एक हथियारों और सैन्य-उपकरणों का निर्माण होगा, अब इनका आयात भारत विदेशों से नहीं करेगा. चार लाख करोड़ की कीमत के इन उपकरणों की खरीद पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. यह प्रतिबंध ऱक्षा मंत्रालय द्वारा धीरे धीरे योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा. अगले पांच सालों में पूरी तरह से लागू होने वाला यह प्रतिबंध देश की सुरक्षा और अर्थ-व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण फैसला सिद्ध होने वाला है.
कई लाभ हैं इस कदम से
सरकार का यह अहम कदम भारत की विदेशों पर निर्भरता कम करेगा. आंकड़े देखें तो 2015 से 2020 तक भारत में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के हथियार खरीदे गए हैं जो एक बड़ी रकम है. विदेशों से खरीदे गए हथियार धोखा भी साबित हो सकते हैं. अब नकली हथियारों की ठगी से भी भारत बच सकेगा. सबसे ख़ास लाभ इस कदम के बाद ये होगा कि हम जो हथियार बनाएंगे वे विदेशों से मंगाए गए हथियारों की तुलना में हमारी आवश्यकता के अनुरूप अधिक होंगे.
गोपनीयता भी सुरक्षित रहेगी
मोदी सरकार का यह फैसला भारत में बने अपने हथियारों की मारक क्षमता और उसके निर्माण की विधि को गोपनीय रख सकेगा. आर्थिक रूप से इसका ये फाय्यदा भी हो सकता है कि आने वाले दिनों में दुनिया के तीसरी दुनिया के देशों के लिए भारत सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय हथियारों के सौदागर के रूप में उभर जाए. सरकार ने इसके साथ ही शस्त्र-निर्माण के क्षेत्र में विदेशी विनियोग की सीमा को उनचास प्रतिशत से बढ़ा कर चौहत्तर प्रतिशत कर दिया है जिससे अब शस्त्र निर्माण के लिए विदेशी पूंजी बड़ी मात्रा में भारत आएगी.
किसानों की उपज की रक्षा होगी
मोदी सरकार ने लगातार किसानों को तरह-तरह की सुविधाएं देने के कदम उठाये हैं किन्तु इस बार की घोषणा बताती है कि प्रधानमंत्री इस बार एक लाख करोड़ रुपया सिर्फ किसानों की उपज की रक्षा के लिए देने जा रहे हैं. सर्वविदित है कि प्रति वर्ष हमारे देश में किसानों को करोड़ों रुपयों के फल, सब्जियों के सड़ जाने का नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि हमारे देश में मेहनत से उगाई गई किसानो की उपज के लिये भंडारण और रख-रखाव की पर्याप्त और उचित व्यवस्था नहीं है.
गांवों में होगी कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था
मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम को सत्तर सालों में कांग्रेस की सरकारें नहीं उठा पाईं. अब लेकिन देश के अन्नदाता को चिन्ता नहीं करनी होगी. सरकार उसकी चिन्ता कर रही है. अब गांवों में किसानों की उपज के भंडारण और संरक्षण हेतु कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी औऱ यह कार्य स्वयं किसानों की भागीदारी में सरकार सुनिश्चित करने जा रही है. इतना ही नहीं अब हमारे देश के किसान अपनी उपज को अपने अनाज को और अपनी फल सब्जियों को देश की किसी भी मंडी या बाजार में बेच सकते हैं. अन्नदाता को यह विशेषाधिकार देने के लिये भी मोदी सरकार को साधुवाद.
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