नई दिल्ली: देश और दुनिया में कोरोना वायरस के मामले में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस से मौत का सिलसिला भी थम नहीं रहा है. पूरी दुनिया यही सवाल पूछ रही है कि आखिर ये महामारी कब थमेगी. कुछ रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि गर्मी और नमी के आते ही कोरोना वायरस  के फैलने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. आपको बताते हैं आखिर क्या है इस रिपोर्ट की हकीकत.


जिन देशों में तापमान कम वहां कोरोना का कहर ज्यादा?


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स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, और इटली ये यूरोप के ऐसे देश हैं जहां कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. इन देशों में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है और कोरोना वायरस से मरने वालों का ग्राफ भी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. भारत में भी कोरोना के मामले में बढ़ रहे हैं लेकिन यूरोप और अमेरिका के मुकाबले अभी संख्या बहुत कम है. कोरोना के कहर के बीच बीच एक रिसर्च सामने आई है, जो भारत के लिए बड़ी राहत भरी खबर हो सकती है.


क्या तापमान बढ़ने से कम होगा कोरोना का कहर?


दुनिया की जानमाने इंस्ट्टीयूट, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी की एक रिसर्च ने बड़ी उम्मीद जगाई है कि जैसे ही सूरज की तपिश बढ़ेगी, कोरोना से बचने की उम्मीदें भी बढ़ेंगी.


- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट की रिसर्च के मुताबिक मौसम अगर गर्म और नमी भरा होगा तो इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बहुत कम हो जाएगी.
- इस रिसर्च में सबसे अहम बात तापमान और मौसम में नमी को लेकर की गई है.
- रिसर्च के मुताबिक जिन शहरों में पारा 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच और नमी 4 से 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही, वहां कोरोना वायरस के मामले 90 फीसदी पाए गए हैं.
- जबकि जिन देशों में पारा 18 डिग्री से ज्यादा रहा और नमी 9 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रही वहां पर कोरोना के सिर्फ 6 फीसदी मामले ही सामने आए.


क्या है इटली का हाल?


MIT के रिसर्च को कई देशों के आंकड़ों की कसौटी पर करते हैं. सबसे पहले इटली का जिक्र करें तो, इटली का औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस है. वहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 86 हजार के पार पहुंच चुका है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 9 हजार एक सौ के पार पहुंच गई है.


अमेरिका में क्यों फैला कोरोना?


अमेरिका इस वक्त दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज यहीं हैं, अमेरिका में 1 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, यहां का औसत तापमान 10 डिग्री सेल्सियस है.


चीन के मौसम का मिजाज


चीन का औसत तापमान 13 डिग्री सेल्सियस है और वहां पर संक्रमित मरीजों की संख्या 81 हजार के आंकड़े के पार है लेकिन पिछले कई दिनों मे ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है.


क्या है जर्मनी का तापमान?


जर्मनी का औसत तापमान 7 डिग्री सेल्सियस है यहां पर संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 53 हजार के पार है. ईरान का औसत तापमान 12 डिग्री सेल्सियस है और वहां 32 हजार से ज्यादा संक्रमित मरीज हैं.


स्पेन में मौसम का कहता है?


स्पेन का औसत तापमान 16 डिग्री के आस-पास है, यहां  पर संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 65 हजार के आंकड़े को क्रॉस कर गया है. भारत का औसत तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 900 के आस-पास है.


अनुमानों पर आधारित है रिसर्च, वैज्ञानिक प्रमाण नहीं


मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की रिसर्च सिर्फ अनुमानों पर आधारित है, कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक साबित नहीं हो सका है कि कोरोना तापमान बढ़ने के साथ खत्म हो जाता है.


गर्म मौसम वाले देशों में कोरोना


MIT की रिसर्च में ये भी कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफ्रीकी देशों में कोरोना के मामले  गर्म मौसम के कारण ही कम आए हैं.


जबकि एशिया के इन देशों में आबादी घनी है और स्वास्थ्य सुविधाएं भी चीन, अमेरिका और यूरोपीय देशों से कमजोर हैं. कोरोना वायरस और तापमान के कनेक्शन को अभी डॉक्टरों ने पूरी तरह सच नहीं माना है. लेकिन  डॉक्टर इस बात को ज़रूर मानते हैं कि तेज तापमान के कारण कोरोना का वायरस किसी निर्जीव सतह से जल्दी खत्म हो जाता है.


वैसे अगले कुछ दिनों में देश का तापमान बढ़ेगा. देश में 15 अप्रैल तक उत्तर भारत में तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद मौसम विभाग ने जताई है.


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मौसम और तापमान से कोरोना को रोकने की सच्चाई का वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक नहीं है. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि आप पूरी तरफ से पूरी सावधानी बरतें और घरों में ही रहें, ताकि कोरोना वायरस आप तक किसी भी हालत में न पहुंच सके.


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