बेंगलुरु: कोरोना का कहर झेल रहा अमेरिका...इससे निपटने के लिये वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटा है. इस बीच हिन्दुस्तान के एक डॉक्टर ने कोरोना के खिलाफ कारगर दवा बनाने की दिशा में बड़ी कामयाबी का दावा किया है.
बेंगलुरु के डॉक्टर ने ढूंढी दवा
बैंगलुरू के एंकोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल राव ने सरकार के पास अपनी रिसर्च के रिव्यू की अर्जी भेजी है. उनका दावा किया है कि कोरोना के खिलाफ जंग में उनकी रिसर्च ठोस नतीजे देगी.
#WATCH When we withdraw blood for regular check-ups, we get buffy coat which can be used to take out cells & form interferon. These two chemicals & some other cytokines, in a specific concoction,could be potentially very useful in treating #COVID19 patients: Oncologist Vishal Rao pic.twitter.com/krkU4PxaRv
— ANI (@ANI) March 27, 2020
रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है कोरोना
डॉक्टर विशाल राव के मुताबिक मानव शरीर की कोशिकाओं में इंटरफेरोन होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. इंसान जब कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो उसकी कोशिकाओं से इंटरफेरोन निकल नहीं पाते. जिसकी वजह से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और फिर कोरोना जानलेवा हो जाता है.
कोरोना की दवा का ये है फॉर्मूला
डॉक्टर विशाल के मुताबिक उन्होंने साइटोकाइंस का ऐसा मिश्रण तैयार किया है, जिसे कोरोना के मरीजों के शरीर में इंजेक्ट करने पर कोशिकाओं से इंटरफेरान का निकलना शुरू हो जाता है और शरीर कोरोना को मात देने में कामयाब हो जाता है.
मानव शरीर की कोशिकाएं वायरस को मारने के लिए इंटरफेरॉन केमिकल (Interferon Chemical) छोड़ती हैं. Sars-Cov-2 से संक्रमित होने के बाद कोशिकाओं की ये प्रक्रिया बंद हो जाती है. जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने लगता है. कोविड-19 से लड़ने में इंटरफेरॉन प्रभावी हैं.
साइटोकाइंस वो तरल पदार्थ हैं जिसमें प्रोटीन, पेप्टाइड्स और ग्लायको प्रोटीन की खास मात्रा होती है. हमारी कोशिकाओं से इसका रिसाव होता रहता है.
जाहिर है कोरोना के खिलाफ कारगर इलाज की तलाश में जुटी दुनिया के लिये ये बड़ी खबर है.