नई दिल्लीः भारत सरकार जल्द ही देश में वन नेशन वन रेट पॉलिसी लाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो केंद्र सरकार की ओर से अगले 1-2 महीनों में इस पॉलिसी की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है. इस पॉलिसी को लाने के लिए देश भर के ज्वैलर्स के बीच सहमति बन गई है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर वन नेशन वन रेट पॉलिसी क्या होती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सोने-चांदी की कीमतों में दिखता है अंतर 
मौजूदा समय में आप देश के अलग-अलग राज्यों से सोना-चांदी की खरीदारी करते हैं, तो आपको इनके मुल्यों में अंतर देखने को मिलेगा. यानी की अगर आप सोने की खरीदारी दिल्ली और दूसरे किसी शहर में करते हैं, तो दोनों जगहों पर सोने की कीमत में आपको कुछ न कुछ अंतर जरूर देखने को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि हर राज्य अपने हिसाब से सोने-चांदी पर टैक्स लगाते हैं. लिहाजा इनकी कीमतें भी अलग-अलग हो जाती हैं. 


सभी शहरों में समान रेट पर मिलेंगे सोने-चांदी 
वहीं, देश में वन नेशन वन रेट पॉलिसी के लागू हो जाने के बाद देश के सभी शहरों में सोने-चांदी की कीमत समान हो जाएगी. इसे लागू करने को लेकर काफी पहले से कवायद चल रही है, लेकिन अब देश भर के ज्वैलर्स से इस पॉलिसी पर सहमति जता दिए हैं. कुल मिलाकर इस पॉलिसी का मकसद देश के हर हिस्से में सोने-चांदी की कीमतों को समान करना है. 


MCX पर होती है सोने-चांदी की खरीद-बिक्री
बता दें कि इस योजना को अमल लाने के लिए केंद्र सरकार नेशनल लेबल पर एक बुलियन एक्सचेंज बनाएगी और वही नेशनल बुलियन एक्सचेंज पूरे देश में सोने-चांदी का कीमत तय करेगा. मौजूदा समय में देश में सोने-चांदी की खरीद और बिक्री MCX पर होती है और देश भर में सोने-चांदी की कीमतें सर्राफा बाजार के एसोशियन की ओर से तय की जाती है, जो हर शहर के लिए अलग-अलग होती है. 


ये भी पढ़ेंः कौन हैं उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल नाथ? होटल से शुरू हुई लव स्टोरी, अब सुप्रीम कोर्ट पहुंची लड़ाई


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.