नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था उचित गति से बढ़ती रही है और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है. जो वैश्विक विकास में लगभग 15% का योगदान देती है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया".

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क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अन्य वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. जब भी उन्हें पैसे की आवश्यकता होती है.


क्या होती है रिवर्स रेपो रेट
रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है.


रेपो रेट का असर
-रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है
 -रेपो रेट में बढ़ोतरी से ईएमआई में भी इजाफा 


क्यों नहीं हुआ इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई पर लगाम लगने के बाद से रेपो रेट नहीं बढ़ाई गई है. रेपो रेट में अंतिम बदलाव मई 2022 में हुआ था, तब 250 बेसिक प्वाइंट का इजाफा किया गया था. रेपो रेट न बढ़ने से ईएमआई अदा करने वालों को राहत मिलेगी ्क्योंकि इसमें कोई इजाफा नहीं होगा.


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