व्हाट्सऐप और इंटरनेट कॉलिंग पर भी चुकाना पड़ सकता है पैसा
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्काइप, व्हाट्सऐप, सिग्नल गूगल मीट, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम जैसे कई मोबाइल ऐप्स की इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग पर चार्ज लग सकता है. इसको लेकर DoT ने ट्राई से मोबाइल ऐप्स और उनकी इंटरनेट कॉलिंग/मैसेजिंग सुविधाओं की समीक्षा करने को कहा है.
नई दिल्ली: मौजूदा समय में देशभर में इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. ऐसे में कई लोगों ने काफी हद तक नॉर्मल कॉल करनी बंद कर दी हैं. क्योंकि इंटरनेट कॉलिंग में नॉर्मल कॉलिंग की तुलना में लोगों को ज्यादा सुविधाजनक भी लग रही है. इंटरनेट कॉलिंग पर किसी भी तरह का चार्ज भी नहीं लगता है.
जल्द इंटरनेट सेवाओं पर भी लगेगा चार्ज
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्काइप, व्हाट्सऐप, सिग्नल गूगल मीट, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम जैसे कई मोबाइल ऐप्स की इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग पर चार्ज लग सकता है. इसको लेकर DoT ने ट्राई से मोबाइल ऐप्स और उनकी इंटरनेट कॉलिंग/मैसेजिंग सुविधाओं की समीक्षा करने को कहा है.
इंटरनेट कॉलिंग पर लग सकता है चार्ज
बता दें अभी तक इंटरनेट कॉलिंग सभी ऐप्स पर फ्री हैं. जब आप इंटरनेट का रिचार्ज करा लेते हैं, तो आपको अपने नंबर पर कॉलिंग का रिचार्ज कराने की जरूरत नहीं पड़ती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्काइप, व्हाट्सऐप, सिग्नल गूगल मीट, फेसबुक मैसेंजर, टेलीग्राम जैसे कई मोबाइल ऐप्स की इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग पर चार्ज लगा सकते हैं.
सरकार से ये मांग कर रही हैं कंपनियां
दरअसल टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से यह मांग की है कि समान सुविधाओं के लिए समान नियम तय होना चाहिए. इससे यह तात्पर्य ये है कि इंटरनेट आधारित कॉल और मैसेज भी चार्ज के दायरे में लाए जाएं. इनसे भी टेलीकॉम कंपनियों की तरह लाइसेंस फीस ली जाए. वहीं लीगल इंटरसेप्शन के नियम मानने, सेवाएं सुधारने के लिए जिम्मेदारी तय की जाए. टेलीकॉम कंपनियों 'एक सेवा, एक चार्ज' के तहत कहा कि, इन एप्स को भी टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) की तरह देखा जाना चाहिए.
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