कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में हंगामा: रजिस्ट्रार और JDA की निष्क्रियता से परेशान निवासी, जाने क्या है पूरा मामला
सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रजिस्ट्रार और JDA के पास शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई.
नई दिल्लीः जयपुर की कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में पिछले काफ़ी समय से चल रही उथल-पुथल ने निवासियों को परेशान कर रखा है. सोसाइटी में वित्तीय अनियमितताओं और चुनावी प्रक्रिया में मिलीभगत के आरोपों के बीच स्थिति और भी गंभीर हो गई है. इस पूरे मामले में रजिस्ट्रार और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की निष्क्रियता ने निवासियों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित पक्षों को तलब किया है.
मिलीभगत और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
सोसाइटी के कई निवासियों का आरोप है कि वर्तमान कार्यकारिणी सदस्यों ने चुनावी प्रक्रिया को जानबूझकर बाधित किया है. इन सदस्यों पर मिलीभगत कर अपने पदों पर बने रहने के आरोप लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा, चुनाव के दौरान वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें भी सामने आई हैं. सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रजिस्ट्रार और JDA के पास शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई.
मुख्य चुनाव अधिकारी का इस्तीफा
मुख्य चुनाव अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) नवीन ढाका ने 25 मई 2024 को अचानक अपना इस्तीफा दे दिया. उनका कहना था कि चुनावी प्रक्रिया में उत्पन्न कानूनी और वैचारिक मतभेदों के कारण वे इस पद को संभालने में असमर्थ हैं. उनके इस्तीफे के बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है. निवासियों का आरोप है कि इस्तीफा देने में भी मिलीभगत का हाथ हो सकता है, ताकि वर्तमान पदाधिकारी अपने पदों पर बने रह सकें.
चुनाव प्रक्रिया का स्थगन
चुनाव अधिकारियों ने 26 मई 2024 को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया. अधिकारियों का कहना था कि सोसाइटी के सभी सदस्यों की सर्वसम्मति के बिना किसी भी निर्णय को लागू करना संभव नहीं है. इस स्थिति ने निवासियों को असमंजस में डाल दिया है और उनकी आशाओं को धूमिल कर दिया है.
कोर्ट ने लिया संज्ञान
इस पूरे मामले में निवासियों की शिकायतों और आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने संबंधित पक्षों को तलब किया है और इस मामले की सुनवाई शुरू कर दी है. कोर्ट का हस्तक्षेप निवासियों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जिससे उन्हें न्याय मिलने की संभावना है.
रजिस्ट्रार और JDA की निष्क्रियता
निवासियों का कहना है कि रजिस्ट्रार और JDA की निष्क्रियता ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है. उन्होंने कई बार इन अधिकारियों के पास शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. निवासियों का आरोप है कि इन विभागों की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण ही सोसाइटी में यह संकट उत्पन्न हुआ है.
निवासियों की उम्मीदें
कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी के निवासी अब कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में निष्पक्ष और उचित निर्णय लेगा, जिससे सोसाइटी में शांति और न्याय की स्थापना हो सके. निवासियों का कहना है कि वे चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो, ताकि सोसाइटी में उचित प्रबंधन और विकास हो सके.
कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में चल रहे विवादों ने निवासियों को परेशान कर रखा है. मिलीभगत के आरोप, वित्तीय अनियमितताएं और मुख्य चुनाव अधिकारी का इस्तीफा इस पूरी प्रक्रिया को और भी जटिल बना रहे हैं. रजिस्ट्रार और JDA की निष्क्रियता ने निवासियों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद निवासियों को उम्मीद है कि इस मामले का उचित समाधान निकलेगा और सोसाइटी में शांति और निष्पक्षता की स्थापना हो सकेगी.