नई दिल्ली: कोरोना के कहर से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन इस बीच एक 3D इमेज सामने आई है. हम आपको कोरोना वायरस की 3 डी इमेज दिखाते हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के फेफड़े कितनी तेज़ी से खराब होते हैं. नीचे दिये वीडियो को देखिए.


सामने आई कोरोनावायरस संक्रमित फेफड़ों की पहली 3D इमेज



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ये तस्वीरें रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने जारी की हैं. संक्रमण से मारे गए लोगों के पोस्टमॉर्टम से उनके फेफड़ों की स्थिति की 3D इमेज बनाई गई है. COVID-19 रोगियों के सीटी स्कैन से उनके फेफड़ों में सफेद धब्बों का स्पष्ट रूप से पता चला है. जिसे रेडियोलॉजिस्टों ने अपनी भाषा में ग्राउंड-ग्लास ओपेसिटी कहा है. क्योंकि वे स्कैन पर खिड़कियों के शीशों पर लगे धब्बों जैसे दिखाई देते हैं.


पीड़ितों के फेफड़ों के सीटी स्कैन से ऐसे पैचेज़ नजर आए हैं, जो निमोनिया के होते हैं. लेकिन, कोरोना के मामले में ये ज्यादा ही गाढ़े हैं और फेफड़ों में हवा के जगह कुछ और ही भरा हुआ नजर आता है. आप इसे ऐसे समझिए कि संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े चिकने और गाढ़ी बलगम यानी म्यूकस से भर जाते हैं. फेफड़ों में हवा जाने के लिए कोई जगह ही नहीं बचती. इसी कारण पीड़ित व्यक्ति का दम घुटने लगता है और उसकी मौत हो जाती है


महामारी से बचना है, बंकर में छिपना है!


कोरोनावायरस महामारी 120 देशों में फैल चुकी है और इसका असर दुनियाभर के लोगों पर देखा जा रहा है. इससे बचने के लिए अमेरिका, यूके और यूरोपीय देशों के अरबपति अनोखा प्लान बना रहे हैं. कैलिफोर्निया स्थित अंडरग्राउंड कन्स्ट्रक्शन करने वाली कंपनी विवोस ग्रुप का खुलासा बंकर और अंडरग्राउंड शेल्टर को खरीदने के लिए कंपनी को कई अरबपति फोन-ईमेल कर रहे हैं.


अरबपतियों के लिए प्राइवेट जेट की व्यवस्था


अमेरिका की प्राइवेट जेट बुकिंग सर्विस प्राइवेट फ्लाई ने जानकारी दी कि आपात स्थिति में घर से सुरक्षित जगह जाने के लिए ऐसे लोग जेट बुक कराना चाहते प्राइवेट जेट की डिमांड इटली में लॉकडाउन के बाद ज़्यादा बढ़ी है. अरबपतियों के लिए प्राइवेट जेट की व्यवस्था करने वाली कंपनी क्विंटेंशियली ने बताया कि जो जेट किराये पर नहीं ले सकते वो प्राइवेट एयरपोर्ट लाउंज में ही ठहरने के लिए करार करना चाहते हैं.


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इसके अलावा लंदन स्थित प्राइवेट हार्ले स्ट्रीट क्लीनिक ने खुलासा किया कि उनकी कंपनी के पास अरबपतियों से प्राइवेट कोरोना वायरस टेस्ट की डिमांड आ रही हैं. हालांकि, कंपनी के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है क्योंकि डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर ने यह अनिवार्य किया है कि सभी टेस्ट एनएचएस और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड द्वारा ही किए जाएंगे.


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