तालिबान के कहर ने बढाई पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है बवाल

तालिबान द्वारा देश पर कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्व में चमन सीमा पार से हजारों की संख्या में अफगानी पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 18, 2021, 06:36 PM IST
  • अफगानिस्तान ने हाल ही में तालिबान पर कब्जा कर लिया है
  • अब पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के लिए सीमा खुल गई है
तालिबान के कहर ने बढाई पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है बवाल

नई दिल्ली: इस सप्ताह की शुरूआत में तालिबान द्वारा देश पर कब्जा किए जाने के बाद अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्व में स्पिन बोल्डक/चमन सीमा पार से हजारों की संख्या में अफगानी पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं. इनमें चिकित्सा की मांग करने वाले मरीज और मुक्त किए गए तालिबान कैदी शामिल हैं. अफगानी यात्रियों और अधिकारियों ने अल जजीरा को बताया कि मंगलवार को सभी अफगानों के लिए वैध पहचान दस्तावेज या पाकिस्तान में पंजीकृत अफगान शरणार्थी होने का प्रमाण लेकर सीमा खुल गई हैं.

अफगान क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की शिकायत

सीमा के अफगान क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की शिकायत करते हुए कई लोगों ने बुजुर्ग रिश्तेदारों और अन्य लोगों के साथ यात्रा की, जिन्हें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता थी. सीमा पर एकत्र हुए लोगों में से कई लोगों ने अल जजीरा को बताया कि वे तालिबान द्वारा अफगान जेलों से रिहा किए गए रिश्तेदारों को रिसीव करने के लिए वहां आए हैं. इस दौरान अफगान तालिबान के सफेद झंडे हवा में लहरा रहे थे. रिश्तेदारों ने लौटने वाले लड़ाकों का स्वागत किया.

2013 में हुआ था ये हाल

मंगलवार को पाकिस्तान लौटे अफगान तालिबान के लड़ाके सनाउल्लाह ने कहा, "अब इस्लामिक अमीरात सरकार में है और अब कोई युद्ध नहीं है. अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बहुत बेहतर है." रिपोर्ट ने कहा गया है कि चमन से लगभग 90 किमी दक्षिण-पूर्व में दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तानी शहर क्वेटा के रहने वाले सनाउल्लाह ने कहा कि उन्हें 2013 में अफगान सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया था और कुख्यात बगराम जेल में कैद कर दिया गया था, उसी साल अमेरिकी सेना ने इसे अफगान सरकार को सौंप दिया था.

जुलाई में एयरबेस को किया था जब्त

अफगान तालिबान लड़ाकों ने जुलाई में जेल और उससे संलग्न एयरबेस को जब्त कर लिया था, जब अमेरिकी सेना उस सुविधा से हट गई थी, जो अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो सैन्य उपस्थिति का केंद्र था. सनाउल्लाह ने कहा, "तालिबान ने आकर हमें जेल से छुड़ाया, करीब 7,000 कैदी थे और हमें लगभग 2 घंटे में अफगान तालिबान ने मुक्त कर दिया."

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